नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
25 वर्ष पूर्व खरीदी गई जमीन पर बनाया गया तीन मंजिला मकान व सेब के बगीचे पर भूमि धारकों के जबरन कब्जा करने से अनुसूचित जाति के बुर्जुग दंपति के बेघर होकर दरदर भटकने का मामला प्रकाश में है।
अनुसूचित जाति के पीडित बुर्जुग दंपति ने शुक्रवार को डीएम, सीएम, पीएम को ज्ञापन भेज कर मामले में कब्जा करने वालों पर मारपीट करने व मकान व 500 पेड के सेब बगीचे पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कार्यवाही करने की गुहार लगाई।
मोरी खरसाडी निवासी पीडित जयवीर लाल पुत्र मुन्ना लाल व उनकी पत्नी बचनी देवी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने गडूगाड पट्टी के खेडमी गांव के लोकेन्द्र सिंह पुत्र अतर सिंह से 1996-97 में 50 हजार रुपये देकर जमीन खरीदी, किंतु गरीबी के कारण भूमि का बयनामा नहीं हो पाया। तथा 25 वर्ष तक दिन रात मेहनत कर जमीन पर तीन मंजिला मकान व विभिन्न प्रजातियों के 500 पेड सेब लगा कर बगीचा तैयार किया।
बुर्जुग बचनी देवी ने बताया कि हम अनुसूचित जाति के गरीब, अनपढ लोग हैं। एक बेटा है जो रोजगार को बाहर ही रहता है। तीन माह पहले जून में लोकेंद्र सिंह ने हम से 10 रूपये के सटांप पेपर पर हस्ताक्षर करवाकर मेरे पति को उधार के रूप में 10 हजार रूपये दिये।
पीडित दंपति ने आरोप लगाया कि वे जब बगीचे में गये तो लोकेंद्र सिंह ने मारने पीटने की धमकी देकर भगा दिया तभी से दोनों तहसीलदार मोरी, पुरोला थाने में न्याय को दरदर भटक रहे हैं।
पीडित दंपति ने डीएम, सीएम व पीएम को भेजे ज्ञापन में गुहार लगाई है कि अब उनके पास रहने को न मकान है न जमीन, उनकी जीवनभर की कमाई से ही बगीचा व मकान बनाया था तथा अब दरदर भटक रहे हैं।
दूसरी ओर तहसीलदार मोरी बीआर सरियाल ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है। तहरीर मिलने पर मामले की जांच कर दोषी के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी।