देहरादून के सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में एक तथाकथित राज्यमंत्री नीरज राजपूत ने कई लोगों से काम धंधे, टेण्डर इत्यादि दिलवाने के नाम पर लाखों ठगे हैं।
ठगी का शिकार युवक अमित ने देहरादून में हुई एक पत्रकार वार्ता में एक आरोप लगाते हुए कहा कि
मामले में अपनी आवाज़ उठाई तो तथाकथित राज्य मंत्री रहे नेता नीरज के दबाव में सहसपुर थाना पुलिस ने पीड़ित युवक को दबाव वाली भाषा मे पहले तो सहसपुर थाने में बुलाया फिर जबरन पीड़ित पर दबाव डालकर उससे एक वीडीओ बनवाई गई, जिसमें पीड़ित अमित से यह झूठ बुलवाया गया कि उसके द्वारा पूर्व में नीरज राजपूत पर लगाये गये सभी आरोप अमित ने ईर्ष्या वश लगाये हैं, जबकि असली कहानी को पुलिस और नेता जी ने दबवा दिया, और असली गुनाहगार नीरज का दामन पाक साफ करने का काम किया गया।
कमाल की बात तो यह है कि आरोप लगा रहे युवक ने तथाकथित तौर पर सहसपुर थाने के बताए जा रहे एक पुलिसकर्मी की वो ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई जिसमे कथित पुलिसकर्मी पीड़ित युवक को जबरन धमकाते हुए सहसपुर थाने में बुलवा रहा है।
पीड़ित युवक का कहना है कि बस यही वो पल था जब जबरन पुलिस ने पीड़ित युवक की एक वीडियो बनवाई और उसे जबरन ट्यूब न्यूज चैनल में डाल दिया गया और युवक को सोशल मीडिया पर बदनाम कर दिया गया।
इस घटना के बाद अमित को सुसाइड तक करने पर मजबूर कर दिया गया था, युवक का आरोप ये भी है कि नीरज जो खुद को पूर्व राज्य मंत्री बता कर लोगों को गुमराह करता है वो कभी राज्यमंत्री रहा ही नहीं उक्त सम्पूर्ण विषय हालांकि जाँच का है।
सहसपुर थाने के किसी पुलिस कर्मी द्वारा कॉल कर पीड़ित को थाने बुलवाया गया था तो ऐसा भी होना सम्भव प्रतीत होता है कि पुलिस और तथाकथित नेता के दबाव में ही पीड़ित का एक झूठा वीडियो बनाया गया है ?
नीरज कुमार से जब इस पूरे प्रकरण पर पूछा गया तो उनका कहना था कि उन पर कोई बकाया नहीं बनता है और उन पर राजनीतिक कारणों से आरोप लगाया जा रहा है।
बहरहाल पीड़ित युवक अब इस मामले में अपने सबूतों के साथ कोर्ट की शरण मे जाने को तैयार है।