प्रमोटी पीसीएस अधिकारियों को जेष्ठ वेतनमान का लाभ प्रदान किए जाने से वर्ष 2014 बैच के 19 पीसीएस अधिकारी नाराज हो चले हैं। उनकी नाराजगी इस बात से भी है कि उनकी बात मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री भी नहीं सुन रहे।
25 प्रमोटी उप जिलाधिकारियों को स्थानापन्न सेवा का लाभ देते हुए जेस्ट वेतनमान प्रदान कर दिया गया है इससे वर्ष 2014 में लोक सेवा आयोग के माध्यम से चुने गए पीसीएस अधिकारियों में आक्रोश है।
अधिकारियों के आक्रोश का मुख्य विषय यह है कि वह वर्ष 2014 में सीधी भर्ती से आए थे लेकिन प्रमोटी उप जिलाधिकारियों की डीपीसी तो वर्ष 2016 में की गई है इस तरह से सीधी भर्ती के पीसीएस अधिकारियों की सीनियरिटी प्रभावित होने से वे खासे नाराज हैं।
सिविल सेवा नियमावली के अनुसार जेष्ठ वेतनमान का लाभ उन्हीं को दिया जा सकता है, जिनकी 5 साल की संतोषजनक सेवा हो चुकी हो किंतु कार्मिक विभाग की कारस्तानी से प्रमोटी अफसरों को यह लाभ दिए जाने के कारण आने वाले समय में नया बवाल खड़ा हो सकता है जो जीरो टोलरेंस के लिहाज से कतई सही नहीं रहेगा