गजेंद्र रावत
हालांकि अभी उत्तराखंड की कैबिनेट ने दो सीटें खाली हैं, किंतु पहले दिन से ही जोरदार एंट्री मारकर बढ़त लेने वाले मंत्री जी अब बैकफुट पर हैं। बैकफुट पर आने का कारण स्वयं नहीं, बल्कि सीनियरिटी आड़े आ गई। चौथी बार चुनाव जीतकर पहली बार मंत्री बने बाहुबली अरविंद पांडे के लिए शिक्षा विभाग अब गर्म दूध साबित होने लगा है। एक ओर शिक्षक संगठन पांडे के खिलाफ ड्रेस कोड को लेकर सुनियोजित तरीके से अभियान चला रहे हंै, वहीं दूसरी ओर अटैचमेंट खत्म करने का पहला दावा अब पांडे के सिर पड़ गया है। भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों और बीवियों को पहाड़ से मैदान में अटैचमेंट करने का जो राज सामने आया है, वह वास्तव में बहुत गंभीर है।
अरविंद पांडे यदि भाजपा नेताओं के रिश्तेदारों और पत्नियों का अटैचमेंट न करते और अटैचमेंट समाप्त हो जाता तो सूबे के सीनियर मंत्री मिनिस्टर कूल की पत्नी को देहरादून से वापस सीमांत जनपद के धक्के खाने पड़ते। सीनियर मंत्री की पत्नी के देहरादून में डटे रहने के कागजात जब भाजपा नेताओं ने अरविंद पांडे की टेबिल पर रखे तो पांडे का सारा जोश होश खो बैठा।
मंत्री बनने के बाद से अटैचमेंट का कारोबार एक बार फिर जोरों पर है। अरविंद पांडे के दोनों बेटों के साथ-साथ भाजपा नेताओं ने कई प्रकार की सूचियां बना रखी हैं। १२० की स्पीड से दौड़ रहे अरविंद पांडे इस प्रकार मुंह के बल गिर पड़ेंगे, इसकी तो गदरपुर के लोगों ने भी कल्पना नहीं की होगी।