कमल जगाती, नैनीताल
न्यायालय ने जिलाधिकारी को यह बताने का निर्देश दिया है कि देहरादून में कोई बूचड़खाना संचालित नहीं होने पर लाइव स्टॉक का ट्रक लोड क्यों दे रहा है।
मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खंडपीठ में हुई । अधिवक्ता डॉ.कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि कोई भी स्थान जहाँ दस या उससे अधिक पशुओं का वध किया जा रहा है, वह स्थान स्लॉटर हाउस की श्रेणी में आता है। डी.एम.केवल सरकारी बूचड़खाने बंद करके उच्च न्यायालय के आदेश के पालन से खुद को अनुपस्थित नहीं कर सकते हैं।
नियमानुसार जिन दुकानों में दस पशुओं या अधिक का वध हो रहा है, उन्हें बंद किया जाना चाहिए। भारत सरकार की शर्तों के अनुसार, देहरादून में कोई भी बूचड़खाना कानूनी रूप से वैध नहीं है।
मामले के अनुसार देहरादून निवासी वरुण सोबती ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि देहरादुन में अवैध रूप से चल रहे स्लाटर हाउस बन्द करने और खुले में पशुवध करने पर रोक लगाई जाए । याचिकर्ता का कहना है कि सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नही किया जा रहा है और अवैध रूप से स्लाटर हाउस चलने के साथ ही खुले में पशुओं का वध किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने अपने शपथपत्र में यह भी कहा है कि देहरादून के भंडारी बाग में नगर निगम द्वारा संचालित स्लाटर हाउस को भी अग्रिम आदशों तक बंद कर दिया है।