नवीन सिंह देउपा, चम्पावत
चंपावत के बाराकोट,लिंक रोड में कैलाड़ी तोक में धारागाड़, विद्युत सब स्टेशन के पास एक अधेड़ महिला जो अपना नाम जयंती देवी बता रही है, डेढ़ साल से सड़क के नीचे पानी निकासी हेतु बने नाले स्क्रबर में रह रही है।
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इतने समय से इस महिला का संज्ञान न वन ,न लोनिवि विभाग ने लिया कि स्क्रबर से धुंआ क्यों आ रहा है, ना ही प्रशासन ने जबकि इसके ठीक ऊपर तहसील कार्यालय है। इस महिला ने जंगली जानवरों की डर से स्क्रबर को सूखी घास एवं कंटीली झाड़ियों से ढक रखा है, महिला का कहना है कि कभी-कभी रात के अंधेरे में वह घबरा जाती है। यदि कहीं से एक लैंप की व्यवस्था हो तो कर दीजिएगा।
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दुर्भाग्य है जबकि विद्युत सब स्टेशन उस से 500 मीटर की दूरी पर है। यदि किसी दिन इस घास में आग लग जाए या भयानक बारिश हो जाए तो इस महिला का जीवन निश्चित तौर पर बहुत बड़े संकट में आ जाएगा।
इस महिला को तुरंत यहां से रेस्क्यू कर कहीं अन्यत्र पहुंचाना चाहिये ताकि इसके जीवन को संभावित संकट से बचाया जा सके।
स्थानीय निवासी प्यारेलाल वर्मा जरूर समय-समय पर इस महिला की मदद कर रहे हैं।
इस संवाददाता ने स्वयं 2 वर्ष पूर्व जब यह महिला बाराकोट स्टेशन के पास रह रही थी, तत्कालीन पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल एवं जिला प्रशासन इसकी सूचना दी थी तब थाना लोहाघाट से पुलिस ने मौके पर पहुंचकर संज्ञान लिया था एवं पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल द्वारा तुरंत इस महिला को शेल्टर उपलब्ध कराने हेतु अथवा रेस्क्यू करने का आश्वासन दिया था। अफसोस कि आज तक कुछ नहीं हो पाया।
आज के युग में जहां मानव सभ्यताओं के चरम पर पहुंचकर तमाम भौतिक सुख सुविधाओं का उपभोग कर रहा है, कोई महिला इस तरह स्कबर में रह कर जीवन यापन कर रही हो इसकी कल्पना मात्र से ही पूरे शरीर में कंपकंपी के साथ रोंगटे खड़े हो जाते हैं।