अनुज नेगी
हरिद्वार।प्रदेश के वन महकमे में कुछ कर्मचारी वन महकमे के लिए नासूर बनते जा रहे है।
उत्तराखण्ड वन महकमे के कुछ कर्मचारी अपने आप को आलाधिकारी समझने लगे है।
हरिद्वार वन प्रभाग में ऐसा ही एक मामला आने से वन महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है। ऊंची पँहुच का दावा कर वन कर्मियों पर रौब झाड़ने वाले रासियबड़ के डिप्टी रेंजर प्रदीप उनियाल खुद को ही डीएफओ समझे लगे थे,और अपने उच्च अधिकारियों से गलत व्यवहार करने लगे।
हाल ही में डीएफओ हरिद्वार द्वारा सभी रेंजों को आबादी में घुस रहे वन्यजीवों पर पैनी नजर रखने के निर्देश जारी किए थे। इसके लिए प्रत्येक दिन के बार सूचनाएं वायरलैस पर एकत्र की जा रही थी।
मगर इस महत्वपूर्ण कार्य को लेकर यह रेंजर बेहद ही खफा था। वायरलैस पर सूचना एकत्र करने के दौरान ही उसने ऑपरेटर को डीएफओ के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।साथ ही अपने डीएफओ की लोकेशन भी पूछने लगा।
गौरतलब है कि डिप्टी रेजर प्रदीप उनियाल अपने रसूख के दम पर पिछले कई वर्षों से रासियबड़ यूनिट में ही तैनात है। इस पर कुछ माह पूर्व एक करोड़ रुपये की वित्तीय अमियमित के आरोप भी लगे थे, मगर जांच के बाद भी अब तक इस पर कार्यवाही नही हुई थी। मगर वायरलेस में की गयी अभद्रता को लेकर हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ आकाश वर्मा ने इसे हटा कर उच्च अधिकारियों को कड़ी कार्यवाही के निर्देश जारी किए है।