चंद घंटों की बारिश ने खोली हरिद्वार नगर निगम के दावों की पोल
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में हुई चंद घंटों की बारिश ने हरिद्वार नगर निगम के जलभराव को लेकर किए जा रहे दावों की पोल खोल दी। आज हरिद्वार में हुई बारिश ने नगर निगम के दावों के साथ-साथ जलभराव को लेकर की गई व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। बारिश की वजह से शहर में जगह-जगह भारी मात्रा में जलभराव देखने को मिला। चाहे हरिद्वार शहर हो या कनखल क्षेत्र, पॉश इलाका रानीपुर मोड़ हो या फिर उपनगरी ज्वालापुर का कटहरा बाजार या फिर हाईवे अमूमन हरिद्वार के अधिकांश क्षेत्रो में जलभराव की स्थिति देखने को मिली। यही नहीं जलभराव से लोगों के घरों और दुकानों में पानी भर गया। जिससे स्थानीय लोगों और व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है।
आपको बता दें कि, हरिद्वार में चार बार के विधायक और वर्तमान में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक का आवास है। यह उनका विधानसभा क्षेत्र भी है। वही कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज को राज्य सरकार ने हरिद्वार का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक दो बार सांसद बन चुके है और वर्तमान में रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मंत्री भी है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी हरिद्वार से सांसद रह चुके है, वर्तमान में कांग्रेस की अनिता शर्मा नगर निगम की मेयर है। मगर इसको विडंबना ही कहा जाएगा कि पिछले दो दशक से ज्यादा के समय से धर्मनगरी हरिद्वार जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। मगर सरकार कोई भी रही हो हमेशा यह मुद्दा राजनीति की भेंट चढ़ जाता है। जिसका खामियाजा हरिद्वार की जनता को ही भुगतना पड़ता है।
जलभराव की समस्या पर स्थानीय लोगो का कहना है कि, हमारे घर मे बरसात का पानी घुस गया है। अपनी दुकान को छोड़ कर लोग घर मे घुसे बरसात के पानी को निकालने में लगे हुए है। घर मे कॉलोनियों और दुकानों में पानी आने की वजह से स्थानीय लोगो को भारी नुकसान हुआ है। यह मानसून की पहली बरसात है। जलभराव की समस्या का आज तक कोई समाधान नही हो पाया है। हरिद्वार में पानी की निकासी के लिए व्यवस्था की जाए, नालो की समय-समय पर सफाई होनी चाहिए, नगर निगम की मेयर केवल अपनी लोकप्रियता बढ़ा रही है। स्थानीय लोग मंत्री मदन कौशिक और मेयर अनिता शर्मा के पास समस्या को लेकर जाएंगे ताकि समस्या का स्थाई समाधान हो सके और लोगो के नुकसान की भरपाई भी हो सके। इस मामले में सारी गलती नगर निगम की है। नगर निगम को व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी चाहिए।
जलभराव की समस्या को लेकर हरिद्वार में राजनीति अपने चरम पर है, तो वही मेयर पति अशोक शर्मा अपना ही तर्क दे रहे है। मेयर पति मंत्री मदन कौशिक पर को कांग्रेस और मेयर की अनदेखी का आरोप लगा रहे है। मंत्री और अधिकारियों पर पैसे की बंदर बाट का भी आरोप लगा रहे है।
वहीं भाजपा के स्थानीय पार्षद पति सचिन बेनीवाल पिछले दो दशक की स्थिति और वर्तमान समय की स्थिति की तुलना कर भाजपा द्वारा किए गए कार्य और भाजपा की उपलब्धियां गिना रहे है। जलभराव का ठीकरा कोरोना आपदा की वजह से हुए लॉकडाउन पर फोड़ रहे है। हरिद्वार मेयर पर राजनीतिक रोटियां सेकने का आरोप लगा रहे है। मेयर को नाले सफाई करने की जिम्मेदारी से अवगत करा रहे है।
धर्मनगरी हरिद्वार में जलभराव की समस्या दो दशकों से भी पुरानी है। इस दौरान हरिद्वार ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सरकारों को देखा। मगर दोनों ही पार्टियों की सरकारों ने हरिद्वार वासियों की इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया। जिसका नतीजा यह है कि, हर साल बरसात के मौसम में हरिद्वार वासी जलभराव की समस्या से जूझते हैं।इस कारण हरिद्वार वासियों का भारी नुकसान भी होता है। अब देखने वाली बात यह होगी कि, राजनीति से ऊपर उठ कर दो दशकों से चली आ रही जलभराव की समस्या का कब तक समाधान होता है और कब तक प्रतिवर्ष होने वाले नुकसान से स्थानीय निवासी और व्यापारियों को बचाया जाता है।