जन औषधि केंद्रों से दवाएं गायब होने पर सरकार और संबंधित विभाग को हाईकोर्ट का नोटिस
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के सरकारी जन औषदि केंद्रों से दवाओं के गायब होने के मामले में केन्द्र और राज्य सरकार समेत सभी जिम्मेदार मंत्रालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि, हल्द्वानी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अमित खोलिया ने जनहित याचिका दायर कर न्यायालय को बताया कि, नैनीताल जिले के सरकारी अस्पतालों में सभी जन औषधि केंद्रों में दवाओं का टोटा है।
उन्होंने बताया कि आम लोगों को सस्ती और असरदार दवाएं देने के मकसद से केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना को राज्य के अधिकतर अस्पतालों में लांच किया गया था। कुछ समय तो ये केंद्र ठीक चले लेकिन अब नैनीताल जिले के केंद्र बिना दवाओं के खाली पड़े हैं। साथ ही 90 प्रतिशत कम दामों में उपलब्ध दवाओं वाले इन केंद्रों में पिछले आठ महीनों से दवाएं उपलब्ध ही नहीं हैं। इन केन्द्रों में आम बुखार, खांसी, जुखाम आदि तक कि दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। जबकि पूर्व में हुई जांच में रेड क्रॉस का लाइसेंस केंसिल करने की संस्तुति की गई थी। खण्डपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य संबंधि मंत्रालयों के साथ रैड क्रॉस को भी नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब देने को कहा है।