गाजियाबाद से चल रहा पौड़ी का आंगनबाड़ी केंद्र।ग्रामीण लिहाज से चुप, अफसर मिलीभगत से मौन
पौड़ी जिले के बीरोंखाल ब्लॉक में एक आंगनबाड़ी केंद्र पिछले 7 महीने से ठप पड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि, इस आंगनबाड़ी केंद्र में पिछले 7 महीने से ना तो किसी बच्चे को और ना ही किसी गर्भवती महिला को पोषाहार मिला है। अब हालत यह है कि, ग्रामसभा की महिलाएं आंदोलन करने के लिए बाध्य हो रही है। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि, इस आंगनबाड़ी केंद्र में तैनात आंगनबाड़ी कार्यकत्री गाजियाबाद में रह रही है और वहीं से वेतन भुगतान तथा अन्य सुविधाएं दे रही है।
अहम सवाल यह है कि, इस ब्लॉक के बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा जिला परियोजना अधिकारी सब कुछ संज्ञान में होने के बावजूद आखिर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं! गांव के लोग उच्चाधिकारियों को कहते भी थक गए हैं लेकिन कोई भी कर्मचारी इनके गांव में हालात का जायजा लेने तक नहीं आया। ग्राम वासियों ने ब्लाक प्रमुख सहित तमाम उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर शिकायत की है कि, बीरोंखाल के ग्राम भरपूर में पिछले 7 महीने से किसी भी बच्चे अथवा गर्भवती महिला को कोई पोषाहार प्राप्त नहीं हुआ है। और ना ही बच्चों को कई सालों से कोई प्राथमिक ज्ञान दिया जा रहा है।
ग्राम वासियों ने कहा है कि, इस गांव में विगत वर्षों में भी 4 महीने में एक बार पुष्टाहार मिलता था लेकिन सात महीने से वह भी ठप है। गांव वासियों का कहना है कि, यह आंगनवाड़ी केंद्र गाजियाबाद से संचालित किया जा रहा है। ग्राम वासियों द्वारा लिखा गया एक पत्र और आंगनबाड़ी केंद्र का फोटो आजकल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम सिंह रावत ने आंगनबाड़ी केंद्र और ग्राम वासियों के पत्र की छाया प्रति अपने फेसबुक पर भी पोस्ट की है।
उत्तम रावत का कहना है कि, आंगनबाड़ी कार्यकत्री गाजियाबाद से आंगनवाड़ी केंद्र को संचालित कर रही है। उत्तम रावत ने शासन-प्रशासन और बाल विकास विभाग द्वारा इसका संज्ञान न दिए जाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। पहाड़ समाचार ने भी इस मामले को अपनी खबर में उठाया है। लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। यह देखने वाली बात होगी कि, शासन-प्रशासन कितने दिनों तक बिना साफ-सफाई के रहता है! आखिर कब इनके बालों में जूं पड़ेगी और कब सर से निकलकर कानों तक जूं रेंगती है!