शिफनकोर्ट के विस्तापितों को न्याय दिलाने के लिए उक्रांद ने दिया सीएम को आंदोलन का अल्टीमेटम
देहरादून। उत्तराखण्ड क्रान्ति दल के केन्द्रीय अध्यक्ष और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट ने आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रात से मुख्यमंत्री आवास में मुलाकात की और अविलम्ब शिफन कोर्ट के 84 परिवारों को पुर्नवासित करने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने मामले की जानकारी जुटाकर उचित कार्यवाही का भरोंसा दिलाया। भट्ट ने शिफनकोर्ट से बेघर किए गए मजदूरों का अविलम्ब पुर्नवास न होने पर पर प्रदेशभर में व्यापक आन्दोलन की चेतावनी दी है
उल्लेखनीय है कि, प्रशासन ने गत माह 24 अगस्त को मसूरी शिपनकोर्ट निवासी 84 परिवारों के लगभग 300 लोगों को उनके घरों से बेदखल कर दिया। बताया जा रहा है कि, उक्त स्थल पर रोपवे का स्टेण्ड बनना है। बताया जाता है कि, रोपवे स्टेण्ड के लिए उक्त भूमि को नगर पालिका परिषद द्वारा उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को हस्तांतरित किया जा चुका है। मगर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को भूमि देते हुए पालिका ने कुछ शर्तें भी रखी थी, जिसमें यह भी शर्त थी कि, वहां से मजदूरों को हटाने से पूर्व उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद मजदूरों के आवास की व्यवस्था करेगा। मगर गत 24 अगस्त से 10 सितम्बर के मध्य भारी पुलिस के बल पर प्रशासन ने शिफनकोर्ट के तमाम मजदूर परिवारों को जबरन घरों से बाहर कर दिया। तब से आज तक दूध मुंहे बच्चे, स्कूली बच्चे, महिलाएं तथा वृद्व हवाघर पर भारी अव्यवस्था व कोरोना महामारी के खतरे के बीच रहने को मजबूर हैं।
गत दिनों पूर्व काबीना मंत्री भट्ट मजदूरों से मिलने मसूरी आए थे। जहां उन्होंने मजदूरों का हालचाल जाना था और आंग्रेजों के समय से रह रहे इन कुली मजदूरों के साथ हुए इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानें की बात कही थी। इसी क्रम में आज भट्ट मुख्यमंत्री से मिले तथा उन्होंने मजदूरों की तकलीफ से अवगत कराया एवं उन्हें ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में मांग की गई है कि, शिफनकोर्ट से जबरन हटाए गए मजदूर परिवारों को अन्यंत्र सुरक्षित स्थान पर पुर्नस्थापित करने की व्यवस्था में निशुल्क भूमि और मकान बनाने के लिय उचित राशी दी जाए। जब तक उनके रहने की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होती। तब तक उन्हें बाज़ार दर के अनुसार मकान किराया दिया जाए। उनके प्राणों कि रक्षा हेतु (ठंड,भूख आदि) राशन व अन्य आवश्यक संसाधन मुहया कराया जाए। उनके शीघ्र पुनर्वासन न किये जाने कि स्थिति में राज्य सरकार के विरुध व्यापक आन्दोलन करने की हमारी बाध्यता होगी। इसके साथ ही ज्ञापन में युवावों के लिए रोजगार के साधन जमीनी स्तर पर करने की मांग की गयी है।
मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन देने वालों में भट्ट के साथ मसूरी शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के संरक्षक सम्पत लाल, उक्राँद के कार्यकारी अध्यक्ष आन्नद प्रकाश जुयाल, केन्द्रीय संगठन मंत्री समेर मुण्डेपी, जिला महामंत्री सोमेश बुड़ाकोटी, राज्य आन्दोलनकारी प्रदीप भण्डारी, पवन भट्ट, सुन्दर लाल टम्टा, संजय कैन्तुरा, सुमित्रा कण्डारी, मनीषा तथा गोदाम्बरी रावत मैजूद रहे।