बिना इंश्योरेंस थमा रहे लोन के गाय बकरी। बाघ खाये तो मवासी घाम लग री
पौड़ी। सरकार द्वारा किसानों की आय को दुगनी करने के लिए सीमांत एवं छोटे किसानों पशु पालकों के लिए सहकारी समितियों के जरिये एक लाख का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। इसमे भी कई समितियाँ व्यक्ति विशेष को ही लोन बांट रही हैं। अधिकतर मध्यम वर्गीय किसान को कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
बात ये है कि, साधन सहकारी समितियों ने सबसे ज्यादा पशु लोन के लोन दिये हैं। जिसमें गाय, बकरी आदि हैं। परंतु बैंक द्वारा इन पशुओं का इंश्योरेंस नही किया जा रहा है। जो कई पशु पालकों को भारी पड़ रहा है। आजकल पहाड़ों में बाघ का आतंक छा रखा है। कई जगहों पर बाघ द्वारा कई मवेशियों को शिकार बना दिया गया है। इन मवेशियों का इंश्योरेंस न होने के कारण पशुपालकों को भारी नुकसान हो रहा है।
अभी विगत दिनों में यमकेस्वर ब्लॉक के डूँगा गांव में एक व्यक्ति की 8 बकरियों को बाघ ने निवाला बना दिया। उस व्यक्ति ने बकरियां सहकारी समिति से लोन उठाकर ली थी। यदि साधन समिति या बैंक द्वारा इनका इंश्योरेंस करवाया होता तो उस व्यक्ति को नुकसान नही होता। जानकारी के अनुसार इन समितियों ने जिला सहकारी बैंक के जरिये करोड़ों रूपये के बिना ब्याज के लोन बांटे हैं। लेकिन कभी भी सहकारी समिति के अधिकारियों ने ये नही देखा कि क्या वास्तव में व्यक्ति गाय या बकरी लाया है।
हमारी पड़ताल के अनुसार 50% लोन फर्जी हुये हैं। यानि कि, लोगों ने गाय भी नही ली लेकिन लोन डकार गए। इस गड़बड़ झाले में पशु चिकित्सक भी शामिल हैं। जिनके द्वारा चिकित्सालय में बैठे-बैठे ही पशु का मेडिकल तैयार कर दिया गया। 1500 से लेकर 2500 रुपये में पशु चिकित्सक फर्जी मेडिकल रिपोट तैयार कर दे रहे हैं।