रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को उक्रांद ने दी श्रंद्धाजलि। तत्कालीन सरकार पर लगाये कई आरोप
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर शांतिपूर्ण रूप से 2 अक्टूबर 1994 को दिल्ली जा रहे आन्दोलनकरियों पर तत्कालीन उत्तर प्रदेश व भारत सरकार ने मुज्जफरनगर के रामपुर तिराहा पर गोलियां बरसा दी थी। जिसमे कई आंदोलन कारी घायल हो गये थे जबकि कई आन्दोलनकरियों को मार दिया गया था। मुजफरनगर गोली कांड में शहीद हुए आंदोलनकारियों को आज उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं द्वारा पहले केंद्रीय कार्यालय कचहरी रोड और उसके पश्चात शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि दी गई।
इस दौरान वरिष्ठ आन्दोलनकारी व दल के वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि, 2 अक्टूबर शांति व अहिंसा का दिन होता है। जबकि शांतिप्रिय तरीके से दिल्ली जा रहे आंदोलन कारियों पर सरकार ने दमन पूर्ण तरीके से आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया। जिसमें कई आन्दोलनकरियो की जान गई, दुर्भाग्य है कि, राज्य बने 20 वर्ष हो गए, लेकिन आज तक किसी भी सरकार ने मुजफ्फरनगर गोली कांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए आवश्यक कदम नही उठाये।
हुसैन ने कहा कि, उक्रांद सरकार से मांग करता है कि, शहीदों के कातिलों को शीघ्र सजा दिलाने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें। इस दौरान लताफ़त हुसैन, जयदीप भट्ट, प्रमिला रावत, चंद्रकांता सुंदरियाल, तारा गर्ग, राजकुमारी, अंजू पटेल, सरोज कश्यप, कमल कांत, नवीन भदोला, राजेन्द्र नेगी, पीयूष सक्सेना, कैलाश भट्ट, आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।