समय- समय पर सेना तथा अद्वसैनिक बलो की छावनियों द्वारा पेयजल स्रोतों में गंदगी फैलाने के मामले प्रकाश में आते रहते है।इस बार जनता की जगह सरकारी पत्र से इसकी जानकारी मिली है। नौ दिसम्बर 2020 को उत्तराखंड राज्य प्रदूषण बोर्ड हल्द्वानी के क्षेत्रीय अधिकारी डा. आरके चौधरी ने बोर्ड के सचिव को भेजे पत्र में इसका खुलासा किया है। पत्र में आईटीबीपी के 14 वीं वाहिनी के सेनानायक के पत्र के उत्तर पर असंतोष जताया है। प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी ने लिखा है कि जाजरदेवल कैम्प का घरेलू उत्प्रवाह को प्राकृतिक जल स्रोत में निस्तारित किया जा रहा है।
पत्र में सचिव से आईटीबीपी परिसर में उचित क्षमता का एस.टी.पी.स्थापित किया जाए। इसी के साथ एस.टी.पी.से उपचारित उत्प्रवाह को परिसर में ही पुनः प्रयोग किया जाये। क्षेत्रीय अधिकारी ने जल स्रोतों को गंदा किसी भी कीमत में न किए जाने की हिदायत दी है।
बोर्ड के इस पत्र के बाद एक बार फिर जल स्रोतों को गंदा किए जाने का मामला उछल गया है। स्थानीय लोग तो समय समय पर इसकी ओर सभी का ध्यान आकृषित करते रहते है।
पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता आर.एस.धर्मसक्तू ने बताया कि इस पत्र का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी तथा विभागीय अधिकारियों को जानकारी दी गई है। इस मामले में उच्च स्तर से आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है। इस पत्र पर आईटीबीपी के सेनानायक ने मीडिया को कोई भी बयान देने से मना कर दिया।
पंडा की ग्राम प्रधान जयश्री नित्वाल ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है। इसे वह क्षेत्र पंचायत समिति की बैठक में रखेंगी। इसी के साथ क्षेत्रीय जनता को साथ में लेकर जिलाधिकारी से मुलाकात की जाएगी।
© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.
© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.