उत्तराखंड, ऊ. सि. नगर
रिपोर्ट/किच्छा – दिलीप अरोरा
डीएम महोदय एक नजर किच्छा की ओर भी डाल दीजिये।लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ाने के बाद भी किच्छा शहर मे भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। बार बार प्रशासन द्वारा सावधान करने ओर चेतावनी देने के बाद भी लोग है की मानते ही नहीं। ऐसे मे ऊन लोगो का क्या दोष जो सिर्फ जरूरत पढ़ने पर ही घरो से बाहर आ रहे है और कही न कही वह भी इस भीड़ मे मौजूद कोरोना का शिकार हो सकते है।
आज भी किच्छा की सभी मार्किट मे जमकर भीड़ देखने को मिली।चाहे वह बोरिंग गली हो नैनीताल बैंक वाली गली हो या फिर मुख्य बजार हो या ग़ल्ला मंडी का क्षेत्र या हो सिद्धू मार्किट इन सभी जगहों पर लोगो की भारी आवाजही देखने को मिली।
आखिर कौन है यह लोग कहां से इतनी भीड़ शहर मे घुस रही है। यह वह लोग है जिनके घरो मे शादियां है और जो जूते,चप्पल, साड़ी ,लहंगे, सूट, कोस्माटिक, चूड़ियाँ आदि खरीदने के लिए किच्छा की मार्किट का रूख कर रहे है।
यहाँ पडोसी जिले नैनीताल के लालकुआं हल्दुचोड़ तक के लोग शॉपिंग करने आ रहे है। आखिर इनको समान कैसे ओर कौन दुकानदार दे रहे है।
डीएम महोदया यदि ऐसे ही भीड़ उमड़ती रही तो किच्छा के हलात आपसे भी नहीं संभलेंगे, क्योंकि इस क्षेत्र की सीमाएं पडोसी राज्य उत्तर प्रदेश से भी लगती है। ओर यहाँ से आने वाली यूपी नंबर की प्राइवेट सवारी वाली मैक्स लगातार यूपी और उत्तराखंड के चककर बे रोक टोक काट रही है| जिसकी जानकारी कोतवाल सहित एसडीएम साहब को भी है।
क्या इन गाड़ी के ड्राइवरो को उत्तराखंड आने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है। या ये नियम सिर्फ आम जनता पर ही लागू होता है।
महोदया यहां के दुकानदारों पर भी यदि सख़्ती की आवश्यकता है तो इतनी ही सख़्ती की आवश्यकता मैक्स वालो ओर यहाँ गैर आवश्यक सामग्री की खरीदारी करने वालो पर भी है।
कुछ मिडिया पत्रकारों द्वारा पिछले एक हफ्ते से अपनी जान को जोखिम मे डाल कर प्रशासन को लगातार यहां की तस्वीरे न केवल दिखाई जा रही है बल्कि मौक़े पर नियमों की अनदेखी भी दिखाई जा रही है।
बावजूद इसके यहाँ हलात सम्भलने का नाम नहीं ले रहे है। उल्टा मिडिया वाले ऊन पत्रकारों को धमकिया भी मिल रही है तो कभी उनको भीड़ के रूप मे एकत्र होकर घेरा भी जा रहा है।
यही नहीं डीएम साहिबा यहाँ “ मास्क है जरुरी ओर दो गज की दूरी “ जैसी बातो की धज्जियाँ आवश्यक वस्तुओ की दुकानों जैसे मैडिकल, किराने की दुकानों, अंडे ओर मिट की दुकानों और व्यापारी नेताओं की दुकानों पर उड़ रही है।
यहां “मास्क है जरुरी ओर दो गज की दूरी” जैसी महत्वपूर्ण बाते या सोशल डिस्टेंसिंग मानो कहीं गुम सी हो गयी हो, जिसको ढूंढ़ने की बहुत आवश्यकता है।
यहां पीएम मोदी की ‘दवाई भी कढ़ाई भी ‘ वाली बात का भी खुले आम उलंघन होता दिख रहा है।
डीएम साहिबा यहां की बेकसूर जनता अब आपकी ओर ही नजरें गड़ाए बैठी है कि शायद आप ही अब यहाँ की भीड़ को कंट्रोल करेंगी और यहां के हलात भद्द से भत्तर होने से बचा पाएंगी।
अब आप ही संकट मोचन बनकर ही यहां सख़्ती करवा सकती है।