स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने द्वाराहाट के बी.जे.पी.विधायक महेश नेगी के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले में सरकार से 26 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। न्यायालय ने सरकार से कहा है कि पुलिस अबतक की गयी जाँच का पूरा रिकार्ड न्यायालय में प्रस्तुत करे।
पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता द्वारा न्यायालय को अवगत कराया गया था कि अभी तक डी.एन.ए.रिपोर्ट पेश नही की गई है।
पीड़िता की तरफ से यह भी कहा गया कि नेगी की डी.एन.ए.जाँच कराई जाए क्योंकि वो ही उसकी बेटी के पिता हैं। जाँच में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि कई जगहों11 पर विधायक उनके साथ रहे है। उनको पूर्व में दिया गया स्टे ऑर्डर भी निरस्त किया जाये। सरकार जानबूझकर इस मामले को लंबित कर रही है।
मामले के अनुसार द्वाराहाट निवसी एक पीड़ित महिला ने 6 सितम्बर 2020 को देहरादून की नेहरू कालोनी में एक प्रार्थरना पत्र देकर कहा था कि विधायक महेश नेगी ने उनका यौन शोषण किया है । अब महेश और उसकी पत्नी उसे जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
याचिका में यह भी कहा गया कि इस मामले में जाँच कर रहे दो आई.ओ.को भी सरकार ने बदल दिया है, क्योंकि विधायक सत्तारूढ़ पार्टी का विधायक है, इसलिए मामले की जाँच सी.बी.आई. से कराई जाए। याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि देहरादून पुलिस इस मामले की जांच करने में पक्षपात रवैया अपना रही है । वो सही तरीके से जांच भी नहीं कर रही है, जबकि उसके पास विधायक के सभी कारनामो की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है।