सतीश डिमरी, गोपेश्वर (चमोली)
दिनांक- 01-11-2021 एवं 02- 11- 2021 को हुई काउंसलिंग में उत्तराखंड के कई जिलों से आए हुए अभ्यर्थी काफी परेशान दिखे। पूरे उत्तराखंड में यह प्रक्रिया चल रही है।
शिक्षा अधिकारी से वार्ता कर जानकारी करने पर उनके द्वारा जानकारी दी गई कि अब यह प्रक्रिया खुली प्रक्रिया है, शासन के आदेशानुसार की कोई भी अभ्यर्थी किसी भी जिले में शिक्षक बन सकता है।
भले ही पहले यह प्रक्रिया जिला स्तर या विकास क्षेत्र पर होती थी और अभ्यर्थी को अपने गृह जिला उपलब्ध हो जाता था।इस तरह खुली प्रक्रिया से अभ्यर्थी खासे परेशान दिखे।
उनका मानना था कि यदि यह प्रक्रिया जिला स्तर पर अभ्यर्थियों की होती तो उन्हें इस तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता।
इसके अलावा कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका नाम 31 अक्टूबर 21 वाली सूची में था, लेकिन जब आज यहां लगी सूची में अपना नाम नहीं देखा तो हमें दुख हुआ। यह कैसे हुआ हम जानना चाहते हैं, फिर कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें सही सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई कि आज किसकी काउंसलिंग है।
यदि सूचना स्पष्ट होती तो हमें इतनी दूर इतना खर्चा करके न आना पड़ता इस महंगाई में।
कई अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका नाम कई लिस्ट में आ रखा लेकिन हम काउंसिलिंग सिर्फ एक जगह कर पाएंगे।
इस तरह की प्रक्रिया में वो अभ्यर्थी वंचित रह गए हैं, जिनका नाम पहली लिस्ट में आना था। इस तरह की प्रक्रिया अभ्यर्थियों को पूरी तरह असमंजस में डाल रखा है। कई अभ्यर्थी दूर दूर से आकर लिस्ट में नाम न होने हताश एवम निराश लौटे। कई अभ्यर्थी हरिद्वार एवम देहरादून आदि मैदानी क्षेत्र से भी आए हुए है।
अब प्रश्न यह है कि क्या मैदानी क्षेत्र एवम सुविधा भोगी स्थान में रहने वाले अभ्यर्थी दुर्गम क्षेत्र के साथ असुविधा जनक स्थान में जॉब कर पाएंगे! या नियुक्ति मिलने के साथ ही स्थानातरण का प्रयास करने लग जाएंगे।
एक तरफ शिक्षा मित्रों को मानना था कि वो जब पहले से ही सेवाएं दुर्गम क्षेत्र में दे रहे है तो, फिर इस तरह की प्रक्रिया हमे फिर गुजरना पड़ रहा है, जो कि काफी कष्टकारी है। इस काउंसलिंग में अभ्यर्थी परेशानियों एवम असंजस से गुजर रहे हैं।