12 नवंबर, भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर उत्तराखंड पैंशनर्स संगठन रामगंगा, भिकियासैंण का धरना आज 80 वें दिन भी जारी रहा। सरकार अभी तक इस मामले में बेखबर बनीं हुईं है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आज चौखुटिया विकासखंड के पैंशनर्स ने धरना दिया। धरना स्थल पर आन्दोलनकारियों ने जमकर सरकार विरोधी नारे लगाए और प्रेणादायक जन गीतों के माध्यम से सरकार को चेतावनी दी गई।
बैठक को सम्बोधित करते हुए 91वर्षीय शिक्षक देब सिंह घुगत्याल ने कहा कि, मैंने ब्रिटिश सरकार के कामकाज को भी देखा है और आजादी के बाद कई सरकारें देखी है परन्तु ऐसी निर्लज सरकार कभी नहीं देखी हमारे धरने को आज अस्सी दिन हो गए हैं परन्तु यहां तो सरकार जैसी कोई चीज है ही नही।
इस सरकार को आगामी विधानसभा चुनावों में शिक्षकों का अपमान बहुत भारी पड़ेगा। संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने सबसे पहले गढ़वाल सेवानिवृत्त कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष विक्रम सिंह राणा व टिहरी के लक्ष्मी प्रसाद रतूड़ी जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, उनके संगठन ने भी कड़ा राजनैतिक निर्णय लिया है।
उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार नवंबर तक पैंशन से कटौती बन्द नहीं करती है तो उनका संगठन आगामी विधानसभा चुनाव में सरकार के खिलाफ़ मतदान करने के लिए जनता के बीच जायेगा। उन्होंने कहा कि भिकियासैंण से शुरू हुआ यह आन्दोलन आज पूरे प्रदेश में पैंशनर्स व कर्मचारियों के साथ साथ सभी आन्दोलनरत संगठनों के लिए भी प्ररेणा श्रोत बन चुका है। उन्होंने सभी संघर्षरत संगठनों से अपील की है कि वे सब मिलकर ऐसे निरंकुश सरकार को उखाड़ फेंकने में अहम भूमिका निभाएं ।
बैठक को दयाराम नैलवाल, माधो सिंह बंगारी, नन्दन सिंह बंगारी, राम सिंह नेगी, खीमानंद जोशी, बहादुर सिंह रावत, नन्दराम आर्य, रमेशचंद्र सिंह बिष्ट, देब सिंह घुगत्याल, कुबेर सिंह कड़ाकोटी, प्रकाश चन्द्र उपाध्याय, दीवान सिंह नेगी, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ विश्वम्बर दत्त सती , गंगा दत्त जोशी, राजे सिंह मनराल, देबी दत्त लखचौरा, देब सिंह बंगारी, मोहन सिंह नेगी, उर्वादत्त सत्यबली, गंगा दत्त शर्मा, राम सिंह बिष्ट, किसन सिंह मेहता, कुन्दन सिंह बिष्ट, दान सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह बिष्ट, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।