सतीश डिमरी गोपेश्वर (चमोली)
सरकार की बैंको प्रति गलत नीति के कारण जिला सहकारी बैंकों के कंप्यूटर में एक ऐसे सॉफ्टवेयर डाउन लोड करने की तैयारी की जा रही है, जिसमें कि कर्मियों का मानना है कि जो किसी भी रूप में बैंक के लिए आर्थिक लाभ रूप से ठीक नहीं है।
बैंक कर्मियों का विरोध प्रदर्शन इसी के खिलाफ है कि यह सॉफ्टवेयर बैंको को आर्थिक रूप से पीछे धकेल देगा। कर्मियों का कहना है इस सॉफ्टवेयर का प्रयोग उत्तर प्रदेश के बैंको में कर दिया गया है, जो कि पूर्ण रूप से असफल हो चुका है।
उनका मानना है कि जब यह सॉफ्टवेयर उत्तर प्रदेश के बैंको में असफल है तो उत्तराखंड में कैसे सफल संचालन हो पाएगा। यह सीधे उत्तराखंड के जिला सहकारी बैंकों को आर्थिक तौर से कमजोर बनाने की सरकार की मंशा दिख रही है।
अनेकों जगहों से पता करने पर पाया गया कि इस सॉफ्टवेयर में उपभोक्ताओं के लिए वो सुविधा नहीं है, जो कि पूर्व से चला आ रहा सॉफ्टवेयर है। जबकि सरकार को चाहिए था कि उसी सॉफ्टवेयर को अपग्रेड करना था, लेकिन सरकार ऐसा न करते हुए नया सॉफ्टवेयर अपलोड करना चाह रही है।
साथ ही इस बात पर भी बैंक संदेह कर रहा है की यह सॉफ्टवेयर उपभोक्ताओं की डाटा संग्रह के नाम पर भी सुरक्षित नहीं है, यदि सरकार नया सॉफ्टवेयर अपलोड करती है तो सीधे सीधे उपभोक्ताओं के डाटा के साथ धोखा होने का संदेह भी है, जो कि उपभोक्ता के साथ कॉपरेटिव बैंक को भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, जो पूरे राज्य की आर्थिक नींव को हिला सकता है इसमें कोई संदेह नहीं है।
कर्मियों का कहना यही है कि हम तब तक विरोध प्रदर्शन करते रहेंगे,जब तक कि सरकार द्वारा नए सॉफ्टवेयर कंपनी से अनुबन्ध समाप्त नहीं हो जाता। बैंक कर्मियों नीरज बिष्ट, मुकेश पाठक, जी. एस. खत्री, रेहान, रोहित, अमित, शशि, बृज भूषण गौरव आदि सम्मिलित हैं। खबर का असर देखने योग्य होगा।