स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):-
बिंदाल नदी में असीमित अतिक्रमण पर उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार, एम.डी.डी.ए, नगर निगम को नोटिस जारी किया है, साथ में जिलाधिकारी से नदी के बाढ़ तट(फ्लड प्लेन)क्षेत्र को 2012 अधिनियम के तहत चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं ।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून शहर के राजपुर क्षेत्र में उदगम वाली बिंदाल नदी में हो रही बेतरतीब अतिक्रमण और निर्माण कार्य पर कड़ा रुख अपनाते हुए राज्य सरकार, नगर निगम, एम.डी.डी.ए.और जिलाधिकारी को नोटिस जारी किये हैं । न्यायालय ने लगातार हो रहे अवैध निर्माण और अतिक्रमण कार्य पर सरकार से चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। साथ ही उच्च न्यायायल की ओर से जिलाधिकारी देहरादून को स्पष्ट दिशा निर्देश दिए गए हैं, कि वह बिंदाल नदी के उद्द्गम स्थल को व्यक्तिगत रूप से सर्वे करें और वहाँ फ्लड प्लेन जोनिंग को चिन्हित करें, ताकि नदी के भाग क्षेत्र को बचाया जा सके ।
देहरादून निवासी पर्यावरणविद रीनू पॉल ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राजपुर क्षेत्र में बेहइन्तेहाँ अतिक्रमण और अवैध निर्माण, देहरादून की दोनों जीवन दायिनी नदियां, बिंदाल और रिस्पना का गला घोंट रहे हैं। बिंदाल नदी को पूर्व में पहले ही गंगा रिवर बेसिन में शामिल किया जा चुका है । याचिकाकर्ता ने फोटोग्राफ के माध्यम से न्यायालय को वहां के हालात दिखाए थे । इसके अलावा सैटेलाइट इमेज में भी राजपुर क्षेत्र का हो रहा सर्वनाश साफ साफ दिख रहा है ।