अनुज नेगी
देहरादून।
प्रदेश में धामी शासनकाल में भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं। प्रदेश में सबसे भ्रष्ट वन अधिकारी आईएफएस किशन चंद के पास आय से अधिक संपत्ति है। जिसकी जांच विजिलेंस विभाग कर चुका है। जांच के बाद विजिलेंस ने आईएफएस किशनचंद की चार्जशीट बनाई है। ऐसे में अब चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर विजिलेंस मुकदमा चलाएगी।
विजिलेंस टीम ने आईएफएस किशन चंद के खिलाफ तैयार की गई चार्जशीट में आरोप लगाया है कि किशन चंद ने अपनी आय से 375 गुना ज्यादा संपत्ति अर्जित की है। यही नहीं, विजिलेंस ने 33 करोड़ की संपत्ति का खुलासा भी किया है। इस संपत्ति में किशन चंद की सात करोड़ की संपत्ति है, जबकि ज्यादातर संपत्ति परिजनों के नाम खरीदी गई है। कोटद्वार विधानसभा से सटे भोगपुर में बेटे के नाम से अभिषेक स्टोन क्रशर लगाया गया है। पिरान कलियर में पत्नी के नाम से ब्रज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल बनाया गया है। यही नहीं, स्कूल के लिए पत्नी के नाम पर ट्रस्ट बनाया गया है। अपने नाम संपत्ति खरीदने के लिए ट्रस्ट से लिए गए ऋण को अभी तक नहीं लौटाया है। इस ट्रस्ट में लोगों से बड़ी धनराशि जमा कराई गई है। साथ ही विजिलेंस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि हरिद्वार डीएफओ रहते हुए लैंसडाउन प्रभाग में लोगों को नौकरी देने की एवज में उनकी जमीनें आईएफएस किशनचंद ने अपने नाम कराई हैं। तो वही किशन चंद पूर्व में कालागढ़ टाइगर रिजर्व में डीएफओ के पद पर भी 2017 और 2022 के बीच हरक सिंह रावत के वन मंत्री रहते हुए कार्यरत रहे हैं और उन पर तमाम केटीआर के अंतर्गत हुए निर्माण कार्य अवैध पातन आदि कई आरोप लगे हैं इसके साथ ही देहरादून बसंत विहार में 2.40 करोड़ का मकान भी उन्होंने खरीदा है। मकान के लिए 60 लाख का ऋण स्कूल के ट्रस्ट से लिया गया है। पत्नी के खाते से 1.80 करोड़ लिए गए हैं। इस पैसे को एक दिन पहले अलग-अलग लोगों से जमा करवाया गया। तो वही एक्शन मोड में दिख रहे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाना चाहते हैं। उस दिशा में जो जरूरी होगा वो काम सरकार करेगी। इससे साफ होता है कि मुख्यमंत्री के इस कदम से अब हरक सिंह की मुश्किलें ओर बड़ चुकी है।