आखिरकार लंबे समय बाद तत्कालीन मुख्य सचिव ओमप्रकाश और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मनमानी के चलते कुलसचिव बना बैठा संदीप कुमार बर्खास्त हो गया।
घुडदौडी इंजीनियरिंग कॉलेज पौड़ी के रजिस्ट्रार संदीप कुमार को आखिरकार सरकार ने बर्खास्त कर दिया है।
उसकी बर्खास्तगी के पीछे विभाग ने बिंदुवार कई कारण गिनाए हैं, जिसमें उनकी शैक्षिक योग्यता से लेकर अन्य मानदंडों को पूरा न करने को आधार बनाते हुए उन्हें बर्खास्त करते हुए वापस ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर के पद पर नियुक्त कर दिया है।
गौरतलब है कि पर्वतजन पत्रिका ने वर्ष 2017 में संदीप कुमार की शैक्षिक योग्यता और तमाम अनियमितताओं पर सवाल खड़ा करते हुए खबर प्रकाशित की थी लेकिन तब तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मुख्य सचिव ओमप्रकाश के कहने पर संदीप कुमार ने पर्वतजन के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था जो कि अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है।
बहरहाल देर से सही लेकिन अब बोर्ड ऑफ गवर्नर के निदेशक ने अपने आदेश में कहा है कि जिस विज्ञापन के आधार पर संदीप कुमार को कुलसचिव बनाया गया था उस विज्ञापन को बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) से अप्रूव नहीं करवाया गया था।
इसके अलावा कुल सचिव पद के लिए उप कुलसचिव के पद पर 5400 ग्रेड पे पर कार्य करने का 7 साल का अनुभव होना चाहिए जबकि संदीप कुमार के पास 7 साल का अनुभव नहीं था।
संदीप कुमार को अयोग्य साबित करते हुए इस पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि संदीप कुमार को बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन यानी त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नियुक्त किया था लेकिन इस नियुक्ति की अप्रूवल बोर्ड ऑफ गवर्नर (बीओजी) से नहीं ली गई थी। चेयरमैन ने संदीप को अपनी मर्जी से ही नियुक्त कर दिया था।
संदीप कुमार के खिलाफ एसआईटी भी अपने स्तर से जांच कर रही है तथा वित्तीय अनियमितताओं को लेकर दो बार छापेमारी भी कॉलेज परिसर में कर चुकी है।
उन पर आय से अधिक संपत्ति की भी जांच की जा रही है। देखने वाली बात यह होगी कि बर्खास्त होने के बाद संदीप कुमार के खिलाफ एसआईटी अब किस तरह से घेराबंदी करती है!