उत्तराखण्ड का चंपावत जिला जिसकी सीमा नेपाल से सटी हुई है, वहाँ पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लिमिटेड (पिटकुल) द्वारा उच्च वोल्टेज की पारेषण लाईन का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है।
यह पारेषण लाइन कठिन पहड़ियों से होकर जा रही है और लाइन को पूर्ण करने मे पिटकुल द्वारा अथक प्रयास करे गए है।
इस लाईन की लम्बाई लगभग 41.56 सर्किट किलोमीटर एवं दो रिसर्व फॉरेस्ट से होते हुए जा रही है।
पिटकुल के द्वारा यहाँ एक और कीर्तिमान अपने नाम किया गया है कि उत्तराखंड मे दो टावरो (टावर संख्या 98 एवं 99) के बीच सबसे लम्बे रिवर क्रॉसिंग (दोनों क्रॉसिंग टावर के बीच की दूरी 1182 मीटर) (सरयू नदी के उप्पर) के द्वारा लाइन का निर्माण किया जा रहा है।
पिटकुल के द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि भविष्य मे आने वाली बांध आधारित जल विद्युत परियोजना के निर्माण उपरान्त भी विद्युत आपूर्ति का अनवरत लाभ उठाया जा सकेगा है।
यह पारेषण लाइन चंपावत जिले के डेनसिली नामक ग्राम लोहाघाट तक निर्मित है।
इस परियोजना से सम्पूर्ण चंपावत जिले में लोहाघाट, चंपावत खेतीखान, पाटी टाउन, टनकपुर एवं बनबसा क्षेत्रों मे विद्युत सप्लाई 24X7 निर्बाध विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा।
इस पारेषण लाईन को प्रथम चरण मे 33 के0वी0 विभव पर ऊर्जिकृत किया जायेगा ।
वर्तमान में जनपद चम्पावत की विद्युत आपूर्ति उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (उपाकालि ) द्वारा 33 • के०वी० विद्युत लाईन से की जा रही है, जिसकी लम्बाई लगभग 64 किलोमीटर हैं।
उक्त विद्युत आपूर्ति लाईन जो कि जंगलो, नदियों एवं अत्यन्त दुर्गम क्षेत्रों से होकर गुजरती है, इसमें ब्रेक डाउन होने की दशा में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान उत्पन्न होता हैं।
पिटकुल की पारेषण लाईन आने से विद्युत आपूर्ति में व्यवधान की समस्या का भी समाधान हो जायेगा।