अनुज नेगी
लैंसडौन।
जयहरीखाल ब्लॉक में एक मात्र संचालित होने वाले आईटीआई के लिए 31 वर्ष बाद भी भवन नहीं बन पाया है।
इंटर कॉलेज जयहरीखाल के भवन में संचालित हो रहा आईटीआई का भवन ध्वस्त होने के कगार पर है।
आईटीआई भवन की जर्जर स्थिति होने के कारण छात्र संख्या घटती जा रही है।
बतादें वर्ष 1989 में आईटीआई की स्थापना दुगड्डा में हुई थी। वर्ष 1992 में आईटीआई दुगड्डा से अलग होकर इसको लैंसडान में धर्मशाला के भवन में संचालित किया गया। फिर वर्ष 2001 में लैंसडौन से इसे राजकीय इंटर कॉलेज जयहरीखाल के पुराने व जर्जर भवन में संचालित किया गया,उस वक्त छात्र संख्या ठीक थी,मगर आईटीआई भवन की जर्जर स्थिति के कारण छात्र संख्या धीरे धीरे कम होती गई।वहीं आज इस आईटीआई में आज मात्र छः छात्राएं है जो कि सिलाई का प्रतिक्षण के रही है।जबकि इस आईटीआई में राष्ट्रीय आशुलिपि हिंदी,राष्ट्रीय स्वाइग टेक्नोलॉजी ,राज्य कोपा और राज्य विद्युतकार ट्रेड उपलब्ध है।
फिर भी इस आईटीआई भवन में केवल सिलाई ही में प्रवेश का रहें है।
आपको बता दें आईटीआई जयहरीखाल के लिए गुमखाल के नजदीक डिग्री कॉलेज के समीप भूमि चयन करके भूमि को आईटीआई के नाम ट्रांसफर भी किया गया है,मगर स्थानीय जनप्रतिनिधि व सरकार की नाकामी के कारण आज तक उक्त भूमि पर भवन निर्माण के किये धनराशि उपलब्ध नही की गई, जबकि कहीं बार भाजपा विधायक दिलीप रावत को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया गया मगर नेताजी के कानों पर जूँ तक नही रेंगी।
दूरदराज क्षेत्र के बच्चे इंटरनेट के अभाव के कारण प्रवेश नही ले आते,हमने अनेक बार सेवायोजन कार्यलय में प्रवेश के लिए मेला का आयोजन किया गया,मगर भवन की जर्जर स्थिति के कारण प्रवेश नही हो पा रहे है।
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वी के दीक्षित – शिक्षक कप्यूटर
क्षेत्र के जनप्रतिनिधि किसी भी काम के नही है,अगर आईटीआई भवन के लिए जल्द ही धनराशि स्वीकृति की जाती है तो क्षेत्र के युवाओ को अच्छा प्रशिक्षण मिल जाएगा।
कीरत सिंह रावत – वरिष्ठ कांग्रेस नेता