अनुज नेगी
कोटद्वार।
लैंसडौन वन प्रभाग में वन माफियाओं का आतंक बना हुआ है,लम्बे समय से हरें भरें पेंडो पर आरिया चलाई जा रही है।
सैकड़ों पेड़ों की परमिशन की आड़ में हज़ारों पेड़ो का पातन किया जा रहा है।मगर जिम्मेदार विभाग कुम्भकर्ण की नींद से जागने का नाम ही नही ले रहा है।
लैंसडौन वन प्रभाग के अधिकारी हमेशा से ही वन माफियाओं व खनन माफियाओं की गोद में बैठ कर चांदी काट रहे है,जिसके कारण पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँच रहा है।
मामला लैंसडौन वन प्रभाग के दुगड्डा रेंज का है जहां पर वन माफिया काफी समय से चीड़ के हरें भरे पेड़ो पर आरिया चला रहे है। जिम्मेदार विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इन माफियाओं के साथ मिले है,जिसके कारण बन संपदा व पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।
आपको बतादें दुगड्डा रेंज के अंतर्गत ग्राम सभा – भेलड़ा, देवीखल, बनवाड़,नोसींन,बेरगवां, भेड़गवां,कंडाखाल,जवाड़, मलेथा डांडामंडी में हज़ारों हरें भरे पेड़ो पर आरिया चला दी गई, मगर वन विभाग के वन दरोगा को इसकी जरा भी भनक तक नही लगी,वही अब इस वन दरोगा पर सवाल उठने लगे है,आखिर सवाल उठे भी क्यों नही हज़ारों की मात्रा में हरे पेंडो की कटान पर दरोगा जी कुम्भकर्ण की नींद सौ रहे थे क्या ?
अब देखना होगा कि इस मामले में वन विभाग इन अधिकारियों व कर्मचारियों पर क्या कार्यवाही करता है।
वहीं जब पर्वतजन ने गढवाल मुख्य संरक्षण सुशांत पटनायक से बात की तो वो हम से ही लिखित शिकायत माँगने लगें,और जांच करने की बात करने लगें।
अगर हमने ही लिखित शिकायत देनी है तो विभाग के अधिकारी व कर्मचारी क्या अचार डालने के लिए रखें गए है।