स्टोरी(कमल जगाती,नैनीताल):- उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने नन्दा राजजात यात्रा मार्ग के निर्माण कार्यों में धांधली करने पर चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी को अध्यक्ष पद से हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने सरकार को निर्देश दिए है कि याचिकाकर्ता के प्रत्यावेदन में लगाए गए आरोपो के आधार पर दो माह के भीतर निर्णय लें।
मामले को सुनने के बाद न्यायालय ने जनहित याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया है।
मामले के अनुसार चमोली निवासी पृथ्वी सिंह नेगी ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि वर्ष 2012-13 में हुई नन्दा राजजात यात्रा मार्ग के मरम्मत आदि कार्यों का जिम्मा जिला पंचायत चमोली को मिला था । तब जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी थी।
उन्होंने अपने पद का दुरुयोग करते हुए मनमानी पूर्ण कार्य कर सरकारी धन का अपव्यय किया और बड़े स्तर पर धांधली की गई।
इस मामले की सरकार द्वारा जांच कराई गई जिसमें गड़बड़ियों की पुष्टि भी हुई । लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही किया जाना तो दूर, वह दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गई और जांच रिपोर्ट पर सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की।
वह फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनी गई। याचिकाकर्ता ने सरकार को फिर से 7 मार्च 2021 को प्रत्यावेदन दिया उस पर भी कोई कार्यवाही नही हुई।