उत्तराखंड विधानसभा की भर्ती में बहुत बड़ी धांधली सामने आई,जिसमें मंत्रियों ने अपने चहेतों को विधानसभा में बिना किसी पेपर के नियुक्ति दिला दी।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले के बाद लगातार उत्तराखंड में नए-नए भर्ती घोटाले सामने आ रहे हैं ।विधानसभा घोटाला सामने आते ही लोग लगातार इसकी जांच की मांग करने लगे। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों की जांच करने की बात कही। सीएम धामी ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से बात कर मामले की जांच करने का अनुरोध किया है।
सीएम धामी ने विधानसभा को एक संवैधानिक संस्था बताते हुए सरकार द्वारा जांच में पूरा सहयोग करने की बात कही गयी।
विधानसभा में कई पदों पर नियुक्तियां हुई है जिसमें अनियमितताओं की बात सामने आ रही है। विधानसभा में
अपर निजी सचिव समीक्षा, अधिकारी समीक्षा अधिकारी, लेखा सहायक समीक्षा अधिकारी, शोध एवं संदर्भ, व्यवस्थापक, लेखाकार सहायक लेखाकार, सहायक फोरमैन, सूचीकार, कंप्यूटर ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, वाहन चालक, स्वागती, रक्षक पुरुष और महिला आदी पदों पर नियुक्तियां की गयी हैं।
इन पदों पर नियुक्तियों में मंत्रियों ने अपने चहेतों को नियुक्तियां दिलवा दी । विधानसभा में 72 लोगों की नियुक्ति में मुख्यमंत्री के स्टॉफ विनोद धामी, ओएसडी सत्यपाल रावत, पीआरओ नंदन बिष्ट,मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के पीआरओ की पत्नियां विधानसभा में नौकरी पर लगवाई गई हैं।
इसके साथ ही मदन कौशिक पीआरओ आलोक शर्मा की पत्नी मीनाक्षी शर्मा, सतपाल महाराज के पीआरओ राजन रावत,रेखा आर्य के पीआरओ गौरव गर्ग भी विधानसभा में नौकरी पर लगे।
इसके अलावा भी कई अन्य लोगों को जो मंत्रियों के चहेते हैं उन्हें विधानसभा में नौकरी मिली है ।