स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उघान विभाग में हुए घोटाले की जाँच सी.बी.आई.या किसी अन्य एजेंसी से कराने को लेकर दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्णय सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने एस.आई.टी.की जाँच रिपोर्ट पर सुनवाई के बाद निर्णय को सुरक्षित रख लिया है।
महाधिवक्ता एस.एन.बाबुलकर ने बताया कि उन्होंने आज ज़ुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि सरकार ने मामले की प्राथमिक जांच पूरी कर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर ली है। अब सरकार मामले में विस्तार से एस.आई.टी.जांच कराना चाहती है, लेकिन न्यायालय में मामला लंबित होने के कारण जांच शुरू नहीं की जा सकी और न्यायालय के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि अब खंडपीठ का जजमेंट आने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
इसपर न्यायालय ने नाराज होकर कहा कि आप आरोपी से मिले हैं, इसलिए देर कर रहे हैं। न्यायालय ने जजमेंट को सुरक्षित रख लिया है। खंडपीठ ने कहा कि जिन लोगो के खिलाफ घपले के सबूत पाए गए हैं, उनके खिलाफ क्या कार्यवाही की गई ? जनहीत याचिका में कहा गया कि उद्यान विभाग में लाखों का घोटाला किया गया जिसमें फल और अन्य के पौंधारोपण में गड़बडियां की गई है। जनहीत याचिका में यह भी कहा गया कि विभाग ने एक ही दिन में वर्क आँर्ड़र जारी कर उसी दिन जम्मूकश्मीर से पेड़ लाना दिखाया और पेमेंट भी कर दी। याचिका में गया कि इस पूरे मामले में कई वित्तिय व अन्य गड़बडियां हैं, जिसकी सी.बी.आई.या फिर किसी निक्षपक्ष जांच एजंसी से जांच कराई जाए। आरोप है कि शीतकालीन सत्र में निलंबित उद्यान निदेशक ने अनिका ट्रेडर्स नामक नर्सरी को पूरे राज्य में करोड़ों की पौध खरीद का काम देकर बड़े घोटाले को अंजाम दिया। जब उद्यान लगाओ उद्यान बचाओ यात्रा से जुड़े किसानों और उत्तरकाशी के किसानों ने जोर शोर से इस प्रकरण को उठाया तो आनन फानन में आवंटन को रद्द कर दिया। नैनीताल में मुख्य उद्यान अधिकारी राजेंद्र कुमार सिंह के साथ मिलकर बवेजा ने एक फर्जी आवंटन जम्मूकश्मीर की बरकत एग्रो फार्म नामक नर्सरी को कर दिया। इसके इनवॉइस बिल आने से पहले ही भुगतान कर दिया गया।