आखिर रेंजर पर कब तक कार्यवाही होंगी?
इंद्रजीत असवाल
देहरादून : वन प्रभाग देहरादून के झाजरा रेंज के मांडूवाला मे सात माह पूर्व मे सैकड़ो हरे पेड़ो के अवैध पातन मे बड़ा खुलासा हुआ है।
आपको बतादें कि तहसील विकासनगर क्षेत्र भूमाफिया को खुलेआम वन विभाग के अधिकारियो का संरक्षण मिल रहा है, जिससे कारण माफिया खुलेआम हरे भरे पेड़ो का जमकर अवैध पातन कर रहे है।
वही आये दिन वन विभाग के अधिकारियों के रिस्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहते हैं,इससे अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि किस प्रकार जिम्मेदार अधिकारी खुद ही जंगल कटवाने में लिप्त रहते हैं और ज़ब आवाज़ उठती हैं तो छोटे कर्मचारी को मोहरा बनाकर सस्पेंड कर दिया जाता हैं बड़ा साफ बच निकलता हैं।
बतादे कि विगत एक सप्ताह पहले झांजरा वन रेंज के मांडूवाला में वन विभाग द्वारा एक भूखंड पर जांच करवाई गई, जंहा पर माफिया द्वारा पेड़ों को काटकर दफना दिया गया था जंहा पर विभाग को केवल 16 पेड़ों के अवशेष मिले इसमें विभाग के आलाधिकारियों द्वारा एक छोटे कर्मचारी पर निलंबन की कार्यवाही कर जांच की इति श्री कर दी गई, पहले भी इसी रेंज में राजावाला व पोंधा में बड़ी मात्रा में पेड़ कटने पर एक दरोगा व एक उपनल कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया था जबकि बड़े जिम्मेदार अधिकारी को साफ बचा लिया गया था।
इसी मामले में वन विभाग द्वारा बर्खास्त उपनल कर्मचारी ने बड़ा खुलासा किया हैं उन्होंने बताया कि उक्त जगह में 200 से अधिक हरे भरे साल के बेसकीमती पेड़ थे, जिसे भू-माफिया द्वारा काटकर दबा दिया गया साथ ही कुछ लकड़ी को बेच और जला दिया गया।
जो वीडियो हम आपको दिखा रहे हैं वो उस समय की हैं ज़ब उक्त जगह पर कार्य शुरू किया गया था, देखें किस प्रकार से हरे भरे पेड़ों को माफिया द्वारा दबाया गया साथ में उक्त जगह पर जो जंगल था आप देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पर कितने पेड़ रहे होंगे।
ज़ब हमने Dfo साहब को बताया गया कि वहा पर 200 से अधिक पेड़ थे जिसकी पुरानी फुटेज मौजूद हैं तो उनका कहना था कि जाँच में 16 पेड़ पाए गए उन्ही पर जुर्माना किया जायेगा बाकी का रिकॉड नहीं मिला हैं।
अब बड़ा सवाल है कि वन महकमा झाजरा रेंज के रेंजर पर कार्यवाही क्यों नही कर पा रहा है, जबकि इसी रेंजर के कार्यकाल मे सेकड़ो हरे भरे पेड़ो को अवैध रूप से काटा गया है।
अगर विभाग मांडूवाला और राजावाला मे उच्च स्तरीय जांच करता है तो कई अधिकारियो पर गाज गिरना तह है,
अब देखना होगा कि वन महकमा झांजरा रेज के अधिकारी पर क्या कार्यवाही करता है!