देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी में रीसर्च की गुणवत्ता और शोधपत्रों की व्यवस्थित लेखनी पर ध्यान केन्द्रित करती कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन हो गया, जिसमें यूसर्क की निदेशक डॉ अनीता रावत ने शोधपत्रों की गुणवत्ता पर ज़ोर देते हुए बेहतरीन शोधपत्र लेखन की आवश्यकता पर बल दिया। इस दौरान गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यूसर्क और देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए।
बुधवार को देवभूमि उत्तराखंड यूनिवर्सिटी के रीसर्च एंड इन्क्यूबेशन सेल और उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (यूसर्क) के सहयोग से ‘आर्ट ऑफ़ साइंटिफिक राइटिंग’ पर आधारित दो दिवसीय कार्यशला का समापन हो गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि यूसर्क की निदेशक प्रोफ़ेसर डॉ अनीता रावत ने गुणवत्तापूर्ण शोध पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि शोध महज़ खानापूर्ति नहीं, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में विकास का आधार है। इसलिए शोधार्थियों को शोध की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस दिशा में देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय की पहल सराहनीय है। साथ ही, डॉ रावत ने यूसर्क और विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि संसाधनों का बेहतर उपयोग ही इस एमओयू का आधार है ताकि शोध की दिशा में बेहतरीन कार्य हो सके। प्लॉस वन के एडिटोरियल बोर्ड मेंबर डॉ महेश नारायण ने प्लेगरिज़्म का पता लगाने संबंधी जानकारियों से अवगत कराया साथ ही चैट जीपीटी के माध्यम से हो रहे शोध लेखन का पता लगाने वाली प्रणाली की जानकारी दी। एनवायर्नमेंटल केमिस्ट्री लेटर्स के एडिटर इन चीफ डॉ एरिक लिखहाउस ने बेहतरीन पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित करने संबंधी जानकारियां प्रदान कीं। सीनियर बिज़नेस सोल्युशन कंसलटेंट सुभाश्री ए नाग ने प्रायोगिक तौर पर ग्राफिक डिज़ाइन निर्माण विधि पर प्रकाश डाला। इसके अलावा अमेरिकन केमिकल सोसाइटी के आउटरीच मैनेजर डॉ कृष्ण राघव चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे। आखिर में विश्वविद्यालय कीं कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ प्रीति कोठियाल ने कार्यशाला के सफल समापन पर प्रसन्नता व्यक्त की और यूसर्क की निदेशक डॉ अनीता रावत को विश्वविद्यालय के साथ हुए एमओयू के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर उपकुलपति डॉ आरके त्रिपाठी, यूसर्क के डॉ ओपी नौटियाल, डीन रीसर्च एंड डेवलपमेंट डॉ नबील अहमद, डॉ निर्जरा सिंघवी साहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।