सरकारी सिस्टम की सुस्ती से राम भरोसे राम प्यारी !
एसडीएम के आदेश बावजूद भी राशन कार्ड नहीं हुआ जारी !
नीरज उत्तराखंडी
पुरोला । विकासखंड पुरोला के ग्राम पंचायत रौन गांव की एक विधवा, भूमि व सन्तानहीन महिला अंत्योदय राशन कार्ड बनाने के लिए दरदर भटक रही है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है।जिस अंंत्योदय राशन कार्ड की वह पात्र लाभार्थी है,उसका उसको लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गजब तो यह है कि उप जिलाधिकारी के आदेश के बाद भी उसका अंत्योदय योजना का राशन कार्ड नहीं बनाया गया। जबकि वह इसकी वास्तविक हकदार है। जिम्मेदार महकमे के अधिकारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदार हरकत का आलम यह है कि उनके लिए एसडीएम के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते।
जनता की मेहनत की गाढी कमाई से चुकाए गये कर से जिन कर्मचारियों के चूल्हे जलते हैं, वही कर्मचारी और अधिकारी एक विधवा भूमिहीन और संतानहीन महिला का चूल्हा बुझाने में जुटे हैं।
रौन गांव की भूमिहीन विधवा महिला रामप्यारी देवी अपने हक के लिए ब्लाक तथा तहसील के चक्कर काट रही है।लेकिन उसका अंत्योदय का राशन कार्ड नहीं बन पाया है। उनके पति देबेन्द्र लाल का देहांत हो गया है।तथा उसकी कोई संतान भी नहीं है, जो उसकी देखभाल कर सके या बुढापे में उसका सहारा बन सके। न उसके पास जमीन ही है जिस पर वह खेती कर आजीविका चला सके। राम प्यारी राम भरोसे जीवन यापन करने को मजबूर है।
विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदार हरकत का आलम यह है कि तत्कालीन उपजिला अधिकारी पूर्ण सिंह राणा के आदेश का पालन करना भी उचित नहीं समझा, जिसमें उन्होंने राम प्यारी को अंत्योदय राशन कार्ड जारी करने के खंड विकास अधिकारी व राजस्व उपनिरीक्षक को निर्देश दिये गये थे।
सामाजिक कार्यकर्ता वीरेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने पीडित महिला का राशन कार्ड बनाने के संबंध में उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा को पत्र लिख कर बुजुर्ग महिला की समस्या से अवगत कराया था, जिस पर तत्कालीन एसडीएम पूरण सिंह राणा ने मामले का संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय राजस्व उपनिरीक्षक को एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट देने तथा खण्ड विकास अधिकारी पुरोला को पीडित महिला का अंत्योदय राशन कार्ड जारी करने के निर्देश दिये गये थे लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वीरेन्द्र सिंह रावत का कहना है कि अमीर लोगों के पास अंंत्योदय के राशन कार्ड है। गरीब लोग अपने अधिकार को हासिल करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने पात्र लाभार्थी को उसके अधिकार से वंचित रखने वाले जिम्मेदार विभाग के अधिकारी और कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी पुरोला से उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो मोबाइल बंद होने के कारण बात नहीं हो पायी।