उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल के बांग्ला भारत चौनल के सीईओ उमेश कुमार ने 25 जनवरी को दिल्ली में एक पत्रकार वार्ता कर मीडिया के सामने ममता सरकार के चार कैबिनेट मंत्रियों व पांच दिग्गज नेताओं के भ्रष्टाचार को लेकर किए गए स्टिंग का खुलासा किया था और मीडिया के सामने स्टिंग भी दिखाया था।
कैबिनेट मंत्रियों के स्टिंग सामने आने के बाद ममता सरकार बौखला गई और उसने बांग्ला भारत के सीईओ व उनकी एसआईटी के खिलाफ क्राईम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई थी।
एफआईआर दर्ज होने के बाद पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उमेश कुमार व उनकी एसआईटी के खिलाफ न्यायालय से सर्च वारंट व अरेस्ट वारंट हासिल किया था। पश्चिम बंगाल की टीम उमेश कुमार को खोजने के लिए दिल्ली व देहरादून में भी डेरा डाले रही लेकिन उमेश कुमार को वह नहीं खोज पाई थी। उमेश कुमार ने अपने खिलाफ जारी किए गए अरेस्ट वारंट को उच्च न्यायालय में चुनौती दी और आज पश्चिम बंगाल के उच्च न्यायालय में लंबी सुनवाई हुई जिसके बाद न्यायालय ने उमेश कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
इसी के साथ उमेश कुमार ने एक बार फिर ममता सरकार को एक और बड़ा झटका दिया है। उमेश कुमार का मानना था कि उनके खिलाफ स्टिंग के बाद अपराधिक मुकदमे साजिश के तहत दर्ज किए गए थे। इन्हीं दलीलों के चलते उमेश कुुमार को उच्च न्यायालय से आज बड़ी राहत मिल गई है।