सीएम त्रिवेंद्र बोले दो लाख लौटे तो 25000 प्रवासी हो सकते है कोरोना संक्रमित। यानि उत्तराखंड हो सकता है वुहान से भी बड़ा केंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने घर वापसी कर रहे प्रवासी उत्तराखंडियों के बारे में एक बड़ा बयान दिया है। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों रैबार कार्यक्रम में कहा कि प्रवासी उत्तराखंडियों में से लगभग 25 हजार लोगों कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं।
ई – रैबार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “आपको बता दूं कि आज तक मैंने यह बात अभी बाहर नहीं बोली है। दो से सवा दो लाख लोग गांव की तरफ आ सकते हैं। हम यह मानकर चलते हैं कि इनमें से 25000 लोग इनफेक्टेड हो सकते हैं। इनमें से 50000 लोगों को हॉस्पिटलाइज करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इनमें से 500 लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। हम इसे ध्यान में रखकर इस से भी बड़े पैमाने पर हर चीज की व्यवस्थाएं कर चुके हैं।”
आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि क्या मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बोलते समय यह ध्यान नहीं रहता कि वह बोल क्या रहे और इसका क्या असर होगा !
मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए ऐसे अनाप-शनाप बयानों के कारण ही उन्हें जनता एक से बढकर एक उपाधियों और निकनेम से पुकारने लगी है।
तथ्य यह है कि वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यूऑर्गनाइजेशन के अनुसार चीन के हुबई प्रांत मे स्थित वुहान की जनसंख्या वर्ष 2020 अब तक के आंकड़ों के अनुसार 83 लाख 64 हजार977 है। और यहां पर 27अप्रैल तक की अपडेट के अनुसार कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 50,333 थी।
अब कोई भी व्यक्ति स्वयं विश्लेषण कर सकता है कि जब 83 लाख लोगों पर वुहान में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 50 हजार है तो फिर मुख्यमंत्री मात्र दो लाख प्रवासियों के लौटने पर कौन सी गणित के आधार पर कह रहे हैं कि 25000 लोग इनमें से कोरोनावायरस संक्रमित हो सकते हैं !
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखंड लौटने वाले 200000 प्रवासियों में से 50000 को हॉस्पिटलाइज करने की जरूरत पड़ सकती है और 500 को वेंटिलेटर की आवश्यकता हो सकती है! लेकिन सीएम का दावा है कि उनके पास इससे भी अधिक व्यवस्थाएं हैं।
मुख्यमंत्री की इस तैयारी को अगर हम चाइना से तुलना करें और वुहान शहर से तुलना करें तो 83 लाख की आबादी पर यहां 60000 हॉस्पिटल के बेड तैयार थे और पूरे चाइना में 82830 मरीजों को भर्ती कराया गया था।
सवाल उठता है कि सार्वजनिक मंचों पर बोलने के लिए आखिर इस तरह के आंकड़े मुख्यमंत्री के दिमाग में किस चीज किस सेवन से आते हैं !
कुछ समय पहले भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड में बेरोजगारी की दर माइनस1% बताकर अपनी छीछालेदर करवा चुके हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत सर्वाधिक साक्षरता दरों वाले राज्यों में शुमार उत्तराखंड के एक मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री का यह अर्थ ज्ञान उत्तराखंड के लिए भी कई बार शर्मिंदगी का सबब बन जाता है।
स्वास्थ्य विभाग भी उनके पास है, इसके बावजूद इस तरह के आंकड़े बाजी के कारण अब कोई उन्हें गंभीरता से नहीं लेता।
कोरोना काल के इस अंधकार में आम आदमी को कुछ राहत और सुकून भरी खबरों की तलाश होती है, ऐसे में मुख्यमंत्री का यह सनसनीखेज बयान उनके लिए और भी अधिक निराशाजनक है।