लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की आपसी सिर-फुटव्वल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। किशोर उपाध्याय को हटाकर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए प्रीतम सिंह टिहरी लोकसभा सीट से हार की टीस नहीं मिटा पा रहे हैं। इससे पहले किशोर उपाध्याय स्वयं टिहरी लोकसभा सीट से दावेदार थे, किंतु प्रीतम सिंह द्वारा टिकट झटकने के बाद किशोर उपाध्याय किनारे कर दिए गए। प्रीतम सिंह की हार के बाद इन दिनों प्रीतम सिंह के राइट हैंड सूर्यकांत धस्माना ने मोर्चा खोला हुआ है। कल धस्माना ने एक पत्र जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि किशोर उपाध्याय का उत्तराखंड कांग्रेस में अब कितना स्थान रह गया है। किशोर उपाध्याय एक टीवी बयान में पहले भी कह चुके हैं कि प्रीतम सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद उनकी 15 बार बेइज्जती हो चुकी है।
कई दिनों से वनाधिकार के नाम पर आंदोलन चला रहे किशोर उपाध्याय को कांग्रेस ने एक और झटका दिया है। 28 जुलाई को उत्तराखंड के मसूरी में प्रस्तावित हिमालयी राज्यों की बैठक के संदर्भ में कल उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि इस बैठक से पहले उत्तराखंड के सभी राजनैतिक दलों के साथ बैठकर सुझाव स्वरूप बैठक करने का अनुरोध किया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि समय-समय पर समस्त राजनैतिक दलों ने पर्यावरणीय योगदान के बदले में ग्रीन बोनस की मांग की है, किंतु इस विषय पर कभी सबने मिल-जुलकर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित नहीं किया।
सूर्यकांत धस्माना द्वारा सर्वदलीय बैठक की यह बात उस वक्त की गई है, जब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय इसी हिमालय कॉन्क्लेव में कांग्रेस से इतर वनाधिकार आंदोलन की मांगों पर चर्चा करने की मांग कर चुके हैं। प्रीतम सिंह के इशारे से सूर्यकांत धस्माना द्वारा चलाए गए इस तीर से किशोर उपाध्याय और उनके साथी सकते में हैं। देखना है कि कांग्रेस द्वारा किशोर की लगातार की जा रही किनाराकसी का आगे क्या परिणाम आता है।