प्रदेश में दो विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद खड़ी होती कांग्रेस फिर से अपने आंतरिक विवादों में घिर रही है। पार्टी की उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी शैलजा के पत्र से कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति गरमा गई है।
सुश्री शैलजा के नाम से जारी पत्र में प्रदेश अध्यक्ष द्वारा बिना एआईसीसी की मंजूरी के मनोनीत पदाधिकारियों की नियुक्ति निरस्त करने की बात कही गई है। इनमें हरिद्वार महानगर अध्यक्ष अमन गर्ग और पछवादून जिलाध्यक्ष राकेश नेगी को लेकर मामला अधिक गर्म है।
यह दोनों नियुक्तियां प्रदेश अध्यक्ष के स्तर पर हुई हैं लेकिन दूसरी बात यह भी है कि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा द्वारा नियुक्त पदाधिकारी अच्छा काम कर रहे हैं। हरिद्वार में सतपाल ब्रह्मचारी के बाद कांग्रेस की गतिविधियों में और तेजी आई है। हालांकि प्रदेश प्रभारी के पत्र में किसी भी पदाधिकारी का नाम नहीं है।
इस पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि उन्होंने पत्र अभी सोशल मीडिया पर ही देखा है और अभी वह कुमाऊं दौरे पर हैं वह लौटकर पत्र को देखेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि ज्यादातर नियुक्तियां डेढ़ वर्ष से अधिक पुरानी हैं,जिनसे संगठन में पदाधिकारी होने की अहर्ता भी पूरी होती है और इन सभी पदाधिकारियों से हमनें लोकसभा चुनाव व दो विधानसभा उपचुनाव में काम भी लिया है। इसलिए अब मुझे नहीं लगता कि संगठन पदाधिकारियों को हटाएगा लेकिन फिर भी वह पत्र को पढ़ने व हाईकमान का मंतव्य जानने के बाद ही कोई आधिकारिक बयान दे पाएंगे।
कांग्रेस की उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा ने उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा को झटका देते हुए उनके द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है।
इसको लेकर कल की तिथि में जारी पत्र में प्रभारी शैलजा की ओर से कहा गया है कि जिनकी नियुक्ति बिना केंद्रीय नेतृत्व की संतुति के की गई है उनको तत्काल प्रभाव से निरस्त किया गया है। जिनको हटाया गया है उसमें महानगर हरिद्वार अध्यक्ष अमन गर्ग, पछवादून जिलाध्यक्ष राकेश नेगी सहित प्रदेश व कांग्रेस के अन्य पदों पर बिना संस्तुति की गई नियुक्तियां है।
पिछले दिनों दिल्ली में उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं व विधायकों के साथ हुई बैठक में प्रदेश प्रभारी के सामने सभी नेताओं व विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष के फैसलों पर नाराजगी जतायी था। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद थे।
नेताओं की नाराजगी को प्रदेश प्रभारी ने गंभीर मानते हुए मौखिक रूप से सभी नियुक्तियों को अवैध माना था ।अब बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओ की नाराजगी को राष्ट्रीय स्तर पर गंभीर मानते हुए पत्र जारी कर प्रदेश अध्यक्ष द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है।
ज्ञात रहे कि हरिद्वार में हरीश रावत और प्रीतम सिंह के दो गुट कांग्रेस में सक्रिय हैं। प्रीतमसिंह लाबी सतपाल ब्रह्मचारी के बाद अध्यक्ष बने अमन गर्ग को स्वीकार नहीं कर रही थी। हालांकि अमन गर्ग प्रदेश अध्यक्ष के भरोसेमंद थे लेकिन अंततः प्रीतमसिंह लाबी उन्हें हटाने में कामयाब रही।