बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर साढे 3 साल से टरकाती आ आ रही त्रिवेंद्र सरकार ने अब 40 हजार नई नौकरियां देने का शिगूफा छोड़ा है।
जोर शोर से इस बात का प्रचार किया जा रहा है कि उत्तराखंड सरकार जल्दी ही 40000 नौकरियां देने जा रही है।
यह प्रहरी की नौकरी है जो, गांव में फसल, वन प्रहरी आदि के रूप में काम करेंगे।
कैंपा परियोजना के मद से तीन माह मे इनकी भर्ती किए जाने की बात हो रही है और इन प्रहरियों को पांच से आठ हजार रुपए वेतन दिए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन अहम सवाल यह है कि उत्तराखंड के गांवों में जो ग्राम प्रहरी आज भी बारह सौ रूपए वेतन पर काम करने को मजबूर हैं, उनका क्या होगा !!
ग्राम प्रहरी पर काम का बोझ
साढे छह साल से भी अधिक समय व्यतीत हो गया है। मंत्री विधायकों के वेतन भत्ते भले ही कई गुना बढ़ गए हो लेकिन ग्राम प्रहरी का ₹1 भी नहीं बढ़ाया गया है ।
5 मार्च 2014 को इनका वेतन 12 सौ रुपए किया गया था, तब से लेकर आज तक इनको वही मिल रहा है। वह भी इनको हर महीने नहीं मिलता बल्कि इस साल 6 महीने में एक बार मिलता है। लेकिन इनकी मांग किसी के भी राजनीतिक एजेंडे में नहीं है।
एक चौकीदार ,हर तरफ पुकार
ग्राम प्रहरियों को 10 विभागों का कामकाज देखना पड़ता है। हाल ही में इनकी ड्यूटी गांव में कोरोना के आंकड़े जुटाने से लेकर प्रवासियों से संबंधित समस्त जानकारियां एकत्रित करने के लिए लगाई गई थी।
हाईकोर्ट की भी नही सुनी
यह लोग काफी लंबे समय से अपना वेतन बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। यहां तक कि हाईकोर्ट ने भी ग्राम प्रहरियों और ग्राम रक्षकों को न्यूनतम वेतन देने के आदेश दिया था तथा इस आदेश का पालन न करने पर 24 जुलाई 2019 को ग्राम प्रहरियों के मामले में सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया था। किंतु तब उत्तराखंड सरकार ने यह कह दिया था कि यह नियुक्ति नियमित नहीं है, सही ढंग से पैरवी ना होने के कारण ग्राम प्रहरी मायूस हो गए।
बेचारे ग्राम प्रहरी मनरेगा योजना में भी काम नहीं कर सकते। ग्राम प्रहरियों को 10 विभागों के श्रम साध्य काम सौपे पर गए हैं तथा कभी भी कोई इन्हें अपने काम के लिए बुला सकता है।
अब सरकार चुनावी लाभ के लिए 40,000 नई भर्तियां करने की बात कह रही है लेकिन ग्राम प्रहरियों का वेतन बढ़ाने को तैयार नहीं है।
ग्राम प्रहरियों के कार्य
राजस्व ग्रामों के सीमांकन सर्वेक्षण चकबंदी आदि में लेखपाल पटवारी के राजस्व संबंधी कार्यों में प्रतिभागिता सुनिश्चित करना
सड़क दुर्घटना में राहत कार्य तथा घायलों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक प्राथमिक उपचार हेतु पहुंचाने में सहायता करना
जनगणना पशु गणना एवं कृषि सर्वेक्षण के कार्यों में भी सहायता करना तथा सूचनाएं एकत्र करने में प्रतिभागिता सुनिश्चित करना
सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वृद्धों , स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों आदि को औषधि, उसी ग्राम सभा में भोजन आपूर्ति एवं ईंधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित करना
मिड डे मील व्यवस्था में खाद्य सामग्री की आपूर्ति भंडारण भोजन बनाने में भोजन माता को सहयोग प्रदान करना
ग्राम विकास की योजनाओं में सहयोग प्रदान करना
ग्रामीण क्षेत्र के अपराधों की जानकारी, अन्वेषण में सहायता प्रदान करना
आंगनबाड़ी केंद्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं बाल विकास कार्यक्रमों के संबंध में ग्राम स्तर पर सहयोग करना
पशु बीमारी टीकाकरण एवं औषधियों के वितरण में पशुपालन विभाग की पैरावेट टीम को सहयोग प्रदान करना।