सतीश डिमरी गोपेश्वर (चमोली)
अतुल जी द्वारा बताया गया, कि इस दुर्गम क्षेत्र में अनेकों प्रतिभाएं है, जो संगीत के क्षेत्र अपना हुनर दिखाना चाहते हैं, लेकिन ये सब करने के लिए उन्हें देहरादून आदि बड़े और महंगे शहरों में जाना पड़ता है, जो कि काफी खर्चीला साबित होता है, कुछ तो कर पाते हैं, लेकिन कुछ अपनी प्रतिभा को बंद डायरी में बन्द कर लेते हैं। उनका कहना है कि वो एक दुर्गम क्षेत्र के युवा हैं, वो इन परेशानियों से गुजर चुके हैं। अब वो चाहते हैं कि ऐसी परेशानी से कोई और प्रतिभावान युवा ना गुजरे इसके लिए उन्होंने यह निश्चय किया कि वो अपना संगीत स्टूडियो देहरादून आदि बड़े शहरों में न खोले बल्कि गोपेश्वर जैसे दुर्गम और छोटे पहाड़ी क्षेत्र में खोलकर पहाड़ी युवाओं का मार्गदर्शन उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ ने के लिए प्रेरित करेंगे। उनका यह सपना बचपन से था जो आज पूरा हुआ। इसका श्रेय वो अपनी माता पिता को देते हैं। साथ ही अपने सहयोगियों का धन्यवाद करते हैं।