श्रीनगर।
एचएनबी गढ़वाल (केंद्रीय) विश्वविद्यालय में संबद्धता प्रकरण एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सीबीआई ने संबद्धता में गड़बडी मामले में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के १४ स्थानों में छापेमारी की है।
इस मामले में तत्कालीन कुलपति जेएल कौल को पदमुक्त कर दिया गया था। तत्कालीन कुलपति कौल के अलावा १७ शिक्षक/अधिकारी जांच के दायरे में हैं।
प्रो. जेएल कौल ३ दिसंबर २०१४ को गढ़वाल विवि के कुलपति बने थे। उनके कार्यकाल में निजी शिक्षण संस्थानों की संबद्धता और सीटों की वृद्धि की शिकायत एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) को गई थी। जिस पर एमएचआरडी ने शिकायतों की प्राथमिक जांच के लिए समिति (फैक्ट फाइंडिग कमेटी) का गठन किया था।
समिति की रिपोर्ट के बाद एमएचआरडी ने राष्ट्रपति (विवि के विजीटर) से प्रो. कौल को हटाने की अनुमति मांगी थी। हालांकि इससे पूर्व प्रो. कौल ने अपना इस्तीफा भेज दिया था। जिसे स्वीकार नहीं किया गया।
विजीटर की अनुमति मिलने के बाद २९ दिसंबर २०१७ को प्रो. कौल को पदमुक्त कर दिया था। बाद में यह मामला सीबीआई को दे दिया गया।
गत वर्ष सीबीआई ने गढ़वाल विवि को पत्र भेजकर विवि से संबद्ध संस्थानों मेें सीट वितरण में अनियमितता के मामले में १७ शिक्षकों/अधिकारियों के विरुद्ध जांच करने की अनुमति मांगी थी। कार्य परिषद की मई २०२० में आयोजित बैठक में केस दर्ज करने की अनुमति दे दी गई।