गजब: अफसर बदलते ही तीन बार ध्वस्त अवैध प्लाटिंग झटके में पास
देहरादून में नियम कायदों को ताक पर रखकर 13.50 बीघा अवैध प्लॉटिंग पास कर दी गई। यह प्लॉटिंग एमडीडीए के उपाध्यक्ष रहे डॉ आशीष श्रीवास्तव के कार्यकाल में तीन बार निरस्त हो चुकी थी तथा दो बार इस प्लॉटिंग को दस्त भी किया जा चुका था। देहरादून के मियां वाला हर्रावाला क्षेत्र में साढे 13 बीघा की एक अवैध प्लाटिंग को एमडीडीए ने पहले 9 अक्टूबर 2019 में तुडवाया था और फिर 18 अक्टूबर 2019 को फिर से तुड़वाया। वहीं अवैध प्लाटिंग डॉ आशीष श्रीवास्तव के हटने के बाद उनकी जगह आए डॉ रणवीर चौहान के कार्यकाल में तत्काल पास करा दी गई।
गौरतलब है कि, इस प्लॉट की पत्रावलियां एमडीडीए के नए बीसी को गुमराह कर के पास कराई गई है।
मामले का पता चलते ही नए उपाध्यक्ष ने पत्रावलियां तलब करके 3 दिन में जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि देहरादून में अवैध प्लाटिंग को लेकर आवास विभाग ने 26 अगस्त 2019 को ने एक शासनादेश किया है जिसके अनुसार दो बार यदि किसी अवैध प्लाटिंग पर निरस्तीकरण कार्यवाही हो गई तो फिर उस प्लॉटिंग के मालिक या कंपनी को पूरे प्रदेश में ब्लैक लिस्ट किया जाएगा।
एमडीडीए की पत्रावली के अनुसार अवैध प्लाटिंग पर एक बार 9 अक्टूबर 2019 को कार्यवाही हुई, उसके बाद 18 अक्टूबर 2019 को भी कार्यवाही की गई थी।
अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही को लेकर के एमडीडीए ने जो सूची जारी की, उसमें यह भी जिक्र है कि 9 अक्टूबर को इस प्लॉटिंग को ध्वस्त करने वालों में से एमडीडीए के सहायक अभियंता पीएस पवार प्रेम प्रकाश पियानो गुना राकेश प्रेम सागर आदि लोग शामिल थे।
इस प्लॉटिंग को तीन बार ध्वस्त करने की बातें सामने आ रही है। इसके बावजूद यह प्लॉटिंग नये उपाध्यक्ष के आते ही उनसे तथ्यों को छुपाते हुए पास करा दी गई। रेरा ने भी इस अवैध प्लाटिंग पर रजिस्ट्री न करने के लिए कहा था और जिला प्रशासन ने भी यहां रजिस्ट्री पर रोक लगा रखी थी तथा एमडीडीए ने भी इस प्लॉटिंग के अवैध होने का बोर्ड लगाया हुआ था। किंतु अब यहां प्लाटिंग पास होने के बोर्ड लगा दिए गए हैं। देखना यह है कि नए उपाध्यक्ष रणवीर चौहान इस अवैध प्लाटिंग पर क्या कार्यवाही करते हैं !