सौंदर्यकरण के नाम पर दिनेशपुर नगर पालिका ने दिखाया हाईकोर्ट के आदेश को ठेंगा
रिपोर्ट- विशाल सक्सेना
दिनेशपुर। उच्च न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए नगर में तालाब को पाटने का कार्य इन दिनों जोरो पर चल रहा है। थाने के सामने स्तिथ तलाब जो नगर पंचायत की सम्पत्ति है, को नगर पंचायत द्वारा ही सौन्दर्यकरण के नाम पर पाटा जा रहा है। जबकि यही नगर पंचायत जनता द्वारा बंद किये गए तालाबों पर कार्यवाही करते हुए उनको खुदवा रही है। जबकि मनमाने ढंग से मछली पालन वाले तालाब का रकबा छोटा कर आय के स्रोत को हानि तो पहुंचा ही रही है, वहीं दुसरीं ओर माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों को भी ताक में रखा जा रहा है। मामले में नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी सौंदर्यकरण का हवाला दे रहे हैं।
ज्ञात हो पूर्व में उत्तराखंड में तालाबों की संख्या दिन प्रति दिन कम होने पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए थे कि, कोई भी तालाब बन्द नही किया जाएगा। यही नही बन्द हुए तालाबों को चिन्हित कर उनको पुनः संचालित करने के भी आदेश दे रखे हैं। लेकिन इन आदेशों को नगर पंचायत ठेंगा दिखा रही है। नगर में थाने के सामने बने तालाब को पाटने का कार्य नगर पालिका द्वारा किया जा रहा है। जिससे तालाब का रकबा कम कर दिया गया है। यही नही आज इस तालाब का अस्तित्व ही विलुप्ति की कगार पर आ गया है।
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट आदेश जारी कर कहा था कि, उत्तराखंड में सभी तालाबों को 1951 की स्तिथि में लाया जाए। इसी आदेश के तहत नगर पंचायत दिनेशपुर के अधिशासी अधिकारी हरकत में आये और उन्होंने वार्ड दो मोतीपुर में बंद तालाब पर कार्रवाई करनी शुरू की। लेकिन आज नगर पालिका इसी आदेशों का उलंघन कर थाने के सामने बने पुराने सरकारी तालाब को ही बंद करवा कर मा० उच्च न्यायालय का मजाक बना रही है।
वहीं तहसीलदार भूपेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि, इस मामले में नगर पंचायत तथा तहसील में रखे सभी दस्तावेजों के साथ मौके पर जाकर जांच की जयेंगी।