मुनस्यारी।
1.94 करोड़ रुपये की मुनस्यारी पेयजल योजना में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग करने के मामले में आंदोलित जनता को एक बड़ी सफलता मिली है। क्योंकि जिलाधिकारी द्वारा गठित टेक्निकल जांच समिति ने दो टैंक तोड़ने की संस्तुति कर दी है। बता दें कि, एक टैंक में 28 दिन तक पानी भरे जाने के बाद संज्ञान लेने की बात थी, जिससे पहले दिन ही रिसाव हो गया। जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने मंगलवार को रिसाव वाले टैंक के पास एकल धरना प्रदर्शन की धमकी देकर मामले को गरमा दिया है।
गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री की घोषणा से बन रही यह पेयजल योजना शुरू से विवाद में रही हैं। जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया के पत्राचार व जिला पंचायत की बैठक में उठाने के बाद भी योजना का डीपीआर पंचायत प्रतिनिधियों को दिखाया नहीं गया।
जल निगम डीडीहाट ने गुपचुप तरीके से 10 माह पहले योजना बनानी शुरू कर दी। भनक लगते ही नई बस्ती तथा पशुपालन विभाग की जमीन में बन रहे दो टैंको के निर्माण में घटिया किस्म की निर्माण सामग्री का प्रयोग करते हुए पकड़ा गया था। उसके बाद भी जल निगम तथा ठेकेदार की मिलीभगत के कारण नई बस्ती के टैंक का लेंटर रातों-रात डाल दिया है। प्रशासन द्वारा आगे के कार्य पर रोक लगाई गई थी, उसके बाद भी पशुपालन विभाग के टैंक को चुपचाप बना दिया गया।
तहसील प्रशासन ने बजरी व सिमेंट, कंकड़ के नमूने सील कर गुणवत्ता की जांच के लिए लैब भेजा था। जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया की शिकायत पर तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे ने जिला स्तर पर बगैर टेक्निकल कमेटी के जांच करवा दी। जल निगम पिथौरागढ़ के आधिशाषी अभियंता आ.एस. धर्मसक्तू के अगुवाई में इसकी जांच हुई।
गुरुवार को तहसील के पास बनी टंकी से पानी डालने के पहले दिन ही रिसाव हो गया। जल निगम ने रिसाव को देखते हुए फटाफट टंकी का पानी बाहर निकाल लिया।
जबकि जांच में कहा गया है कि, 28 दिन इस टंकी में पानी ठहराया जायेगा। तब इसके भविष्य की घोषणा होगी। इस टंकी ने पहले से पहले दिन ही रिसाव हो गया है। जिसने इसके निर्माण में घटिया किस्म की सामग्री के उपयोग करने तथा लाखों रुपये के भ्रष्टाचार की शंका को सत्य साबित कर दिया है।
उत्तराखंड में पहली बार जनता तथा पंचायत प्रतिनिधियों की सजगता व निगरानी से जल निगम को दो पानी के बने टैंक तोड़ने की नौबत आ गई है। तीसरे टैंक पर भी टूटने की तलवार लटक गयी है।
जिला पंचायत सदस्य मर्तोलिया ने इसके लिए निगरानी कमेटी का गठन भी किया। जिपं सदस्य की सक्रियता के कारण बीस हजार की आबादी के लिए बन रहे पेयजल योजना में गोलमाल करने का मामला प्रकाश में आया है।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने कहा कि, जांच कमेटी की एक रिपोर्ट आज ही उन्हें मिली है। कहा कि, पुत्र की मौत के बाद वह आठ महीने बाद क्षेत्र व सामाजिक क्षेत्र में पुनः आने की हिम्मत कर सके है।
इसका फायदा इस प्रकार के भ्रष्ट सरकारी महकमों ने उठाया। उसके अनुसार तीनो टैंकों को ध्वस्त कर नये टैंक गुणवत्ता के साथ बनाए जाएं। उससे पहले हम डीपीआर देखेंगे। सरकारी धन का दुरुपयोग व भ्रष्टाचार करने के मामले में जेई, एई, ईई को निलंबित किया जाए।
इस लापरवाही के लिए ठेकेदार की वसूली कर इसे काली सूची में डाला जाए। मर्तोलिया ने कहा कि, जल निगम अब नए सिरे से निविदा आमंत्रित कर ईमानदारी से इस महत्वकांशी योजना का निर्माण करे। कहा कि, विभागीय कार्यवाही नहीं हुई तो वे मंगलवार को टैंक के पास धरना प्रदर्शन पर बैठेंगे।