राजेंद्र नेगी को सेना ने माना शहीद। सिंदूर लगाए पत्नी को अभी भी है इंतजार
उत्तराखंड के लापता जवान हवलदार राजेंद्र नेगी को भले ही भारतीय सेना ने शहीद घोषित कर दिया हो लेकिन देहरादून के अंबी वाला में उनकी पत्नी सिंदूर लगाकर आज भी अपने पति का इंतजार कर रही है। उत्तराखंड का यह जवान गुलमर्ग में ड्यूटी के दौरान 8 जनवरी 2020 को संभवत पैर फिसलने से लापता हो गया था। 21मई 2020 में सेना ने जवान को बैटल कैजुअल्टी मान लिया था। पूरे प्रकरण में शहीद की पत्नी का कहना है कि, मैं कैसे मान लूं कि मेरे पति शहीद हो गए हैं! “या तो उनका पार्थिव शरीर मुझे सौंपा जाए।”
शहीद के परिवार वालों ने सेना से काफी पत्र व्यवहार किया लेकिन काफी खोजबीन के बाद सेना ने भी हाथ खड़े कर दिए। शहीद के परिवार वालों को इस बात का गहरा दुख और नाराजगी है कि, उत्तराखंड सरकार ने उनके बेटे को लाने के लिए कोई मदद नहीं की। सांसद तथा रक्षा समिति के सदस्य अजय भट्ट का कहना है कि, जब सेना ने कह दिया है तो शहीद के परिवार वालों को अब मान जाना चाहिए।
हवालदार राजेंद्र सिंह नेगी 11वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे। हाल ही में सेना ने राजेंद्र सिंह नेगी को शहीद का दर्जा दिया है। शहीद के पिता का कहना है कि, सभी नेताओं ने दो-चार दिन ढांढस बनाने के बाद हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया लेकिन समय के साथ सभी भूल गए। “सरकार ने भी उनकी कोई सुध नहीं ली।”