देहरादून।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में इंग्लिश ड्रेमेटिक क्लब की पहली प्रस्तुति के रूप में अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस के उपलक्ष्य में शुक्रवार को जल संरक्षण की थीम पर नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से छात्रों ने बताया कि जल हमारे जीवन का एक आधार स्तंभ है क्योंकि ‘जल है तो कल है’। आज हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसे में जल संरक्षण ही एकमात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को इस संकट से बचा सकता है।
श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री महंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर जोर देते हुए विद्यार्थियों को जल संरक्षण का संदेश दिया। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से होने वाली समस्याओं को समझकर जल संरक्षण की मुहिम को बढ़ावा देना चाहिए। इसके लिए कोई विशेष प्रयास नहीं करने हैं, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है, ताकि हम अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण कर सकें।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. यू.एस. रावत ने कहा कि जल का व्यर्थ उपयोग हमारे जीवन को संकट में डाल सकता है। बढ़ती जनसंख्या, प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण दुनिया के सभी देशों में आज जल संकट की स्थिति बन रही हैै। ग्लोबल वार्मिंग के कारण आज उत्तराखण्ड के कई पहाड़ी क्षेत्र जल संकट की समस्या से जूझ रहे हैं और कई क्षेत्रों में भूमिगत पानी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। भविष्य में जल की कमी से बचने को हमें जल संरक्षण का महत्व समझना होगा। हमें अपने घरों तथा कार्यालयों में वर्षा जल संरक्षण की तकनीक को अपनाना चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाली जल की किल्लत को दूर किया जा सके। कुलपति ने कहा कि ऐसे पौधे लगाने चाहिए जोकि कम पानी में उग सके साथ ही भूमिगत जल की मात्रा को बढ़ा सकें।
इस मौके पर विश्वविद्यालय केे कुलसचिव प्रो. दीपक साहनी ने कहा कि हमें अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस की इस वर्ष की थीम के अनुसार भूमिगत जल के स्तर को बढ़ाने के लिए पानी का उपयोग सही ढंग से करना चाहिए तथा उसको व्यर्थ बहने से रोकना चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिए जल संरक्षण बहुत जरूरी है क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पानी की जरुरत हमें जीवन भर है इसलिए इसको बचाने के लिए हमें अभी से ही शुरूआत करनी होगी।
जल संरक्षण की थीम पर प्रस्तुत नाटक में छात्रों ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से जल बचाओं जीवन बचाओं का संदेश दिया। नाटक में बताया गया कि मनुष्य के लिए प्रकृति का सबसे कीमती उपहार पानी है, जिसके बिना जीवन संभव नहीं है। इसलिए जल का उपयोग संभलकर करना होगा। वरना एक समय ऐसा आएगा कि पृथ्वी पर पीने के लिए शुद्ध जल प्राप्त नहीं होगा। आज जल संकट वैश्विक समस्या है। आने वाली पीढ़ियों को भी साफ पानी मिल सके इसके लिए हमें अपने आस-पास हो रही जल की बर्बादी को रोकना होगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कोर्डिनेटर डॉ. मालविका कांडपाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में छात्रों के सर्वागींण विकास और सक्रियता के लिए विभिन्न क्लबों का गठन किया गया है। इन क्लबों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में छुपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाना है। इसी उपलक्ष्य में इंग्लिश ड्रेमेटिक क्लब द्वारा जल संरक्षण की थीम पर नाटक का मंचन किया गया। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, जल संरक्षण के प्रति हमें जागरूक बनना होगा। नाटक में शिखर पंवार, मानसी राणा, अनुष्का पांडे, अमिता जखमोला, सौरभ जोशी, प्रियांशी, गीतिका, बुशरा, विशाखा एंव खुशी ने मुख्य भूमिका निभाई। मंच संचालन प्राची चौधरी ने किया। कार्यक्रम के अंत में मौजूद सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने जल सरंक्षण की शपथ भी ली। कार्यक्रम में जन संचार विभाग का सहयोग रहा। कार्यक्रम व क्लब का संचालन डॉ. पारूल अग्रवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर प्रो. अरुण कुमार, प्रो. सरस्वती काला, प्रो. कंचन जोशी, प्रो. आशीष कुलश्रेष्ठ, डॉ. दीपक सोम, डॉ. आरती भट्ट के साथ ही संबंधित स्कूलों के सभी विभागाध्यक्ष, डीन, शिक्षकगण और छात्र मौजूद रहे।