रिपोर्ट- जयप्रकाश नौगाई
श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल की कर्म स्थली एवं ब्रिटिश सरकार की राजधानी जनपद पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर अब नगर पालिका से नगर निगम बन गया है आपको यह बताते चलें कि विगत डेढ़ 2 साल पहले श्रीनगर के विधायक एवं कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने श्रीनगर गढ़वाल को नगर पालिका से हटाकर नगर निगम का दायरा दिया था जिसका क्षेत्र श्रीनगर के साथ आस पास का शहर गांव एवं मोहला मिलाकर काफी लंबा दयारा बन गया गया है लेकिन तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष पूनम तिवारी एवं उनके पति प्रदीप तिवारी द्वारा इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में रिट दायर की थी जिसमें सुनवाई भी हुई थी उसके तत्पश्चात श्रीनगर तहसील के उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह को अतिरिक्त कार्यभार नगर निगम का मिला था और श्रीमती पूनम तिवारी को वित्तविहीन अध्यक्ष पद पर बैठाया गया था यह मामला विगत दो ढाई साल से चल रहा था उसके पश्चात जिसमें आज सुनवाई हुई तो यह मामला सरकार के पक्ष में रहा और श्रीनगर को नगर पालिका से हटाकर नगर निगम का दर्जा मिल गया है जहां एक और नगर निगम बनने से बीजेपी की कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है वही अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवारी के लिए यह फैसला बड़ा कष्टकारी है क्योंकि वह अपना कार्यकाल पूरे 5 साल तक नहीं चला पाई राजनीतिक जिसके चलते श्रीनगर में विगत कई लंबे समय से अधिशासी अधिकारी भी नहीं रही जिससे वेतन निकालने एवं अन्य दैनिक खर्चों में और विकास कार्यों में बाधा का विषय बना रहा अब देखना यह होगा की कमेटी के भंग होते ही नगर निगम में मेयर के पद एवं पार्षद के चुनाव कब होंगे क्योंकि नगर निगम के बनते ही अब नगर पालिका अध्यक्ष को मेयर का दर्जा मिलता है और वार्ड मेंबरों को पार्षद का दर्जा मिलता है और अब तो क्षेत्रफल भी और आबादी भी पहले की अपेक्षा बढ़ जाएगी फिलहाल अभी श्रीनगर को नगर निगम का दर्जा कोर्ट से मिल चुका है वही भाजपा के जिलाध्यक्ष सुषमा रावत एवं जिला उपाध्यक्ष जिंदाबाद गिरीश पैन्यूली पूर्व मीडिया प्रभारी एवं जिला उपाध्यक्ष गणेश भट्ट जिला उपाध्यक्ष ने यह फैसला जनहित के लिए बताया है और विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त बजट से श्रीनगर में विकास कार्य होंगे