पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

गजब: फर्जी शिक्षकों की एसआईटी जांच! फिर शिक्षा निदेशक की डिग्री पर क्यों नहीं आंच !

July 23, 2020
in पर्वतजन
ShareShareShare

फर्जी शिक्षकों की एसआईटी जांच! फिर शिक्षा निदेशक की डिग्री पर क्यों नहीं आंच !

 

उत्तराखंड में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एसआईटी जांच कराई जा रही है और कई जेल भी जा चुके हैं लेकिन आखिर क्या कारण है कि अपर शिक्षा निदेशक की डिग्री की जांच करने के लिए जीरो टोलरेंस सरकार के हाथ-पांव गठिया के शिकार हो गए हैं ! अपर शिक्षा निदेशक मुकुल कुमार सती जिस B.Ed की डिग्री के बल पर अपर शिक्षा निदेशक बने बैठे हैं, वह डिग्री उन्हें फर्जी ढंग से हासिल की हुई है। पुलिस इसकी जांच भी कर चुकी है लेकिन कार्यवाही करने के बजाय अब पुलिस ने गेंद शिक्षा विभाग के पाले में ही डाल दी है। सवाल यह है कि जब शिक्षा विभाग ने ही जांच करनी थी तो फिर पुलिस ने जांच अपने हाथ में ली ही क्यों ! और अगर ले लिया है तो फिर जांच करने के बाद शिक्षा विभाग को अलग से जांच करने के लिए क्यों कहा जा रहा है !

आखिर किसके इशारे पर अपर शिक्षा निदेशक मुकुल कुमार सती को बचाया जा रहा है ! क्या यही त्रिवेंद्र सरकार का जीरो टोलरेंस है कि पुलिस जांच रिपोर्ट के डेढ साल बाद भी यह प्रकरण फाइलों में दबा हुआ है ! गौरतलब है कि पहले जांच के नाम पर नैनीताल पुलिस लंबे समय से मुकुल कुमार सती की डिग्री का मामला इधर-उधर घूमाती रही और फिर जांच करने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल ने 31 जनवरी 2019 को अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेज दी थी और रिपोर्ट में कहा था कि यह प्रकरण शिक्षा विभाग से संबंधित है इसलिए संबंधित को कार्यवाही करने के लिए भेजा जाए। तब से लेकर अब तक डेढ़ साल और अधिक हो गया नैनीताल पुलिस की रिपोर्ट पर फिर क्या कार्रवाई हुई यह किसी को नहीं पता।

पुलिस जांच मे आरोपों की पुष्टि

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की जांच रिपोर्ट के अनुसार 1989 मैं हरिदत्त इंटर कॉलेज हल्द्वानी में मुकुल सती रसायन विज्ञान जीव विज्ञान के पद पर अस्थाई अध्यापक के रूप में तैनात थे इसकी पुष्टि इनकी उपस्थिति पंजिका और इनके द्वारा प्राप्त मानदेय रसीद से होती है। 6 जुलाई 1990 को प्रवक्ता रसायन विज्ञान के पद पर उन्होंने नियुक्ति ली है और प्राप्त b.ed डिग्री के अनुसार उन्होंने जुलाई 1990 से पूर्व सत्र में ही अल्मोड़ा कंसलटेंट कॉलेज अल्मोड़ा में B.Ed की कक्षाएं ली है।

कहां गयी उपस्थिति पंजिका और नियुक्ति आदेश

हालांकि अल्मोड़ा बीएड कॉलेज की उपस्थिति पंजिका पुलिस को नहीं मिल पाई फिर भी अहम सवाल यही है कि एक ही समय पर मुकुल कुमार सती ने कैसे 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अलग-अलग संस्थानों में हाजिरी दे दी और कैसे एक ही समय में हल्द्वानी के कॉलेज में बच्चों को पढ़ाया और कैसे 100 किलोमीटर दूर के अल्मोड़ा कॉलेज में खुद B.Ed की पढ़ाई की ! पुलिस को मुकुल कुमार सती के स्थाई अध्यापक का कोई नियुक्ति आदेश भी उपलब्ध नहीं कराया गया है।

पुलिस जांच मे झोल

अर्थात पुलिस अपनी जांच में ना तो मुकुल सती के अल्मोड़ा B.Ed कॉलेज की उपस्थिति पंजिका प्राप्त कर सकी और नहीं हल्द्वानी कॉलेज में अध्यापक के रूप में उनकी अस्थाई तैनाती का नियुक्ति आदेश प्राप्त कर सकी। मतलब अब यह है कि पुलिस को यह पता नहीं चल रहा कि किस किस दिनांक को मुकुल सती ने कॉलेज में जाकर B.Ed विद्यार्थी के रूप में कक्षा अटेंड की यदि यह भी पता नहीं चल रहा तो क्या जांच और कार्यवाही के लिए इतना पर्याप्त नहीं है कि आखिर एक ही वर्ष में किस तरह से व्यक्ति एक कॉलेज में पढ़ा सकता है और किस तरह से उसी दौरान सौ किलोमीटर दूर के दूसरे B.Ed कॉलेज में खुद कक्षाएं अटेंड कर सकता है।

यह है एक समय पर दो जगह हाजिरी की हकीकत

गौरतलब है कि 1989-90 के शिक्षा सत्र में हल्द्वानी अध्यापक के रूप में मुकुल सती ने एक भी दिन अवकाश नहीं लिया है तथा अल्मोड़ा की B.Ed की डिग्री के लिए 75% की उपस्थिति अनिवार्य होती है तो फिर यह कोई मूर्ख से मूर्ख व्यक्ति भी समझ सकता है इन दोनों स्थितियों में एक ही टाइम पर दो काम नहीं हो सकते। फिर आखिर पुलिस को इतनी सी बात क्यों नहीं समझ में आती !

कार्यवाही करने की मंशा हो तो B.Ed की डिग्री मानदेय प्राप्त अध्यापक के रूप में उनकी उपस्थिति पंजिका कार्यवाही करने के लिए पर्याप्त हैं किंतु जब मामले का फुटबॉल बनाना हो तो फिर जीरो टॉलरेंस की सरकार में यही करना पड़ता है और यही हो रहा है कि मुकुल सती का प्रकरण कार्यवाही के बजाय शिक्षा विभाग और पुलिस विभाग के बीच का फुटबॉल मैच बना हुआ है। सर्व जन कल्याण समिति के सचिव जाकिर हुसैन ने सरकार को 15 दिन में इस प्रकरण पर कार्यवाही न करने पर उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी दी है। देखते हैं यह चेतावनी क्या रंग लाती है !


Previous Post

तेंदुए के बच्चे को आवारा कुत्तों ने नोंचकर मार डाला

Next Post

ब्रेकिंग: उत्तराखंड के इस शहर में आज 2 बजे से कंप्लीट लॉकडाउन का फैसला

Next Post

ब्रेकिंग: उत्तराखंड के इस शहर में आज 2 बजे से कंप्लीट लॉकडाउन का फैसला

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • एक गांव, दो परिवार, 122 वोटर! हाईकोर्ट ने डीएम जांच कमेटी को सौंपी जिम्मेदारी
  • एसजीआरआर विश्वविद्यालय और पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू साइन, शोध और प्रशिक्षण में सहयोग पर बनी सहमति
  • बड़ी खबर : सुस्त दिनेशपुर नगर पंचायत, हफ्तों बाद भी नहीं हुई कार्यवाही।
  • प्रदेश में आज भी बारिश के आसार। येलो अलर्ट जारी
  • मोटर मार्ग के निर्माण में अनियमितता पर भड़के विधायक दुर्गेश्वर लाल। घटिया सामग्री हटाने के दिए निर्देश
  • Highcourt
  • इनश्योरेंस
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!