उत्तराखंड में फर्जी आयुष्मान कार्ड से मुफ्त इलाज़ लेने वालों पर अब सरकार सख्ती करने वाली है। बाहरी राज्य से आकर जो लोग फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर उत्तराखंड में मुफ्त इलाज़ करा रहे हैं उन्हें सावधान होने की जरूरत हैं।
एम्स ऋषिकेश, हल्द्वानी,हरिद्वार,देहरादून के सरकारी मेडिकल कॉलेज में ऐसे मामले पकड़ में आए हैं। गृह विभाग से मिली अपडेट के बाद सीएम धामी ने मुख्य सचिव को इस पर संज्ञान लेकर सत्यापन किए जाने के निर्देश जारी किए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, बाहरी राज्यों से आए रोगी यहां उत्तराखंड में फर्जी आधारकार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर आयुष्मान कार्ड बना रहे हैं।
बताया जा रहा हैं कि इन अस्पतालों के आसपास ऐसे गिरोह सक्रिय है जो कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर आयुष्मान कार्ड बनवा कर देते हैं। सीमावर्ती यूपी राज्य में केवल बीपीएल परिवारों को ही आयुष्मान कार्ड से मुफ्त चिकित्सा उपलब्ध है, जबकि उत्तराखंड में प्रत्येक परिवार को आयुष्मान कार्ड की सुविधा दी जाती है। इसी का फायदा उठाने वाले यूपी के बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जिले और अन्य राज्यों के लोग इलाज के उत्तराखंड के सरकारी और निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जिसकी वजह से सरकार पर तेजी से आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
जानकारी के अनुसार,मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आयुष्मान कार्ड के लिए आधार कार्ड के साथ-साथ राशन कार्ड की भी अनिवार्यता कर दिए जाने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही जनसेवा केंद्रों पर भी छापेमारी जारी कर दी गई हैं।
अब देखना होगा सरकार अपने द्वारा उठाए जा रहे इन कदमों से आयुष्मान से बढ़ रहे बोझ को कम करने में कितनी सार्थक होती हैं !