देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने कुट्टू के आटे की बिक्री को लेकर सख्त गाइडलाइन जारी कर दी है। अब प्रदेश में बिना लाइसेंस के कुट्टू का आटा नहीं बेचा जाएगा और इसकी बिक्री केवल सील बंद पैकेटों में ही की जा सकेगी। यह फैसला कुट्टू के आटे के छह सैंपल जांच में फेल होने के बाद लिया गया है।
सैंपलों में फंगस और मायकोटॉक्सिन की पुष्टि
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर से लिए गए छह सैंपलों की जांच करवाई थी। रिपोर्ट में पाया गया कि इनमें फंगस और मायकोटॉक्सिन जैसी विषाक्त चीजें मौजूद थीं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं। इन सैंपलों को रुद्रपुर स्थित राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला में जांचा गया था।
बिना लाइसेंस बिक्री पर होगी कड़ी कार्रवाई
राज्य के स्वास्थ्य सचिव व खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद नई गाइडलाइन लागू कर दी गई है। अब कोई भी खाद्य कारोबारी बिना लाइसेंस के कुट्टू का आटा नहीं बेच सकेगा।
नए नियमों के तहत:
कुट्टू का आटा केवल सील बंद पैकेटों में बेचा जाएगा।
पैकेट पर पिसाई, पैकिंग, एक्सपायरी तिथि, कारोबारी का नाम और लाइसेंस नंबर अंकित होना अनिवार्य होगा।
सभी विक्रेताओं को खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड लिखित रूप में रखना होगा।
बिना अनुमति खुले में कुट्टू का आटा बेचने पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
अधिकारियों को निर्देश, नियमों का सख्ती से पालन हो
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि नए नियमों का कड़ाई से पालन करवाया जाए। यदि कोई विक्रेता नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर किया जाएगा।
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