रिपोर्टर- भाविका बिष्ट
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) में आगामी 10 दिसंबर को होने वाली पासिंग आउट परेड को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इन दिनों चेटवुड बिल्डिंग के सामने कैडेट रोजाना परेड का पूर्वाभ्यास करते नजर आ रहे हैं।
भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना सन 1932 में की गई थी। कैडेट्स को चार प्रशिक्षण बटालियनों में बांटा गया है और हर बटालियन की 3 या 4 कम्पनियां होती है और कंपनियों की संख्या कुल मिलाकर 16 होती है।
पासिंग आउट परेड में 344 जेंटलमैन कैडेट बतौर अधिकारी बनकर अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनेंगे।
जेंटलमैन कैडेट की सूची के अनुसार,इनमें से 314 भारतीय सेना का हिस्सा बनेंगे, जबकि 30 विदेशी कैडेट होंगे।
जानकारी के अनुसार जेंटलमैन कैडेट की सूची को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। ऐसे में जेंटलमैन कैडेट की संख्या में बदलाव होने की संभावना भी नजर आ रही है।
10 दिसंबर को होने वाली पासिंग आउट परेड के लिए सेना के तमाम वरिष्ठ अधिकारी, देश-विदेश के गण्यमान्य लोग और जेंटलमैन कैडेट के स्वजन दून पहुंचेंगे।
परेड से पहले अकादमी में कई कार्यक्रम आयोजित होंगे , जिसके अनुसार सात दिसंबर को कमांडेंट अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी l
दो दिसंबर को एसीसी विंग की ग्रेजुएशन सेरेमनी होगी और सात दिसंबर को कमांडेंट अवार्ड सेरेमनी आयोजित होगी। आठ दिसंबर की सुबह कमांडेंट परेड होगी। मुख्य पासिंग आउट परेड से एक दिन पहले यानी नौ दिसंबर को अकादमी में मल्टी एक्टिविटी डिस्प्ले शो आयोजित किया जाएगा।
देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) का 85 साल का इतिहास हर फौजी व देशवासी के लिए गौरवमय रहा है।
देश को सबसे अधिक जांबाज देने वाले राज्यों में शुमार सेना में सिपाही हो या फिर अधिकारी, उत्तराखंड का दबदबा कायम है।
भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) से सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर पास आउट होने वाले जेंटलमैन कैडेट की संख्या इस सच्चाई को बयां करती है जो प्रदेशवासियों के लिए एक गौरव की बात है। एक बार फिर 10 दिसंबर के दिन देश को नए जांबाज मिलेंगे।