उत्तराखंड में राजकीय कर्मियों के ट्रांसफर हेतु ट्रांसफर एक्ट 2017 लगाया है जिसमे निहित प्रावधानों के अंतर्गत राजकीय कर्मियों के ट्रांसफर किए जाते है। इसमें एक श्रेणी में सुगम से दुर्गम में भी अनिवार्य ट्रांसफर किए जाते है ।
ट्रान्सफर एक्ट के अनुसार जब कभी सुगम से दुर्गम में ट्रांसफर किए जाएंगे तो विकलांग कर्मियों को इसमें छूट मिलेगी और उन्हें यथावत ही रहने दिया जाएगा ।
किंतु विकलांग की परिभाषा इस एक्ट में त्रुटिपूर्ण छप गई है जिस कारण शिक्षा विभाग द्वारा जून २०२३ में हुए अनिवार्य ट्रान्सफर में कई 40 % विकलांगता वाले शिक्षको को दुर्गम क्षेत्रों में भेज दिया गया है । अगर ट्रान्सफर एक्ट में यह त्रुटि नही होती तो विकलांग शिक्षको को यथावत रहने दिया जाता । यानी गलती 2017 में किसी की और भुगत विकलांग शिक्षक रहे है
क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड में सरकारी कर्मियों के ट्रान्सफर के लिए उत्तराखंड लोक सेवकों के लिए वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 बना. इसमें बिंदु 7 (घ ) में अनिवार्य स्थानांतरण से विकलांग जन को छूट प्राप्त है.
किन्तु इस अधिनियम में बिंदु 3 ( ड ) में विकलांगता की परिभाषा जो दी गई है वह त्रुटिपूर्ण है जो कि इस प्रकार से है-
“ विकलांगता से ऐसी विकलांगता अभिप्रेरित है जिसमें पूर्ण अध्यापन दोनों पांव रहित अथवा एक पूर्ण भाव लकवा ग्रस्त एक हाथ या एक पाव अथवा प्रतिशत विकलांगता के संदर्भ में 40% से अधिक विकलांगता सम्मिलित है. “
यह परिभाषा ही त्रुटिपूर्ण है. उत्तराखंड शासन और केंद्र सरकार दोनों की विकलागता परिभाषा में 40% या 40% उससे अधिक विकलागजन दोनों सम्मिलित है . किंतु अधिनियम में विकलांगजन की परिभाषा मात्र 40% से अधिक मुद्रित हो गई है और इस खामी के कारण कई विकलांगजन शिक्षक जो ठीक 40 % विकलांग है उनको विद्यालयी शिक्षा विभाग ने सुगम से दुर्गम में स्थानांतरित कर दिया है जो कि गलत है.
गौरतलब है कि विभाग द्वारा इन्ही विकलांगजनो को 40 % में नियुक्ति दी जाती है , प्रमोशन दिया जाता है , विकलांग वाहन भत्ता दिया जाता है कित्नु टाइपिंग त्रुटि के कारण विकलांगता का लाभ ट्रान्सफर में नहीं मिल पा रहा है . यही नहीं बल्कि इस कारण अब हर साल कई कई विकलांग कर्मी इसका खामियाजा भुगतते रहेगे .
कुछ अन्य तथ्य भी देखे
तथ्य 1 संसद द्वारा पारित विकलांगता से संबंधित कानून THE RIGHT OF PERSON WITH DISABILITIES 2016 में पेज 3 बिंदु r में विकलांगता की परिभाषा है में भी 40% विकलांगजन सम्मिलित है .
तथ्य 2 उत्तराखंड शासन में भी नौकरी देते समय विकलांगता परिभाषा में 40% विकलांग को सम्मिलित किया जाता है.
उदाहरण 1 8 अगस्त 2021 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग हरिद्वार द्वारा उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल सेवा परीक्षा 2021 में पृष्ठ 13 बिंदु ( च ) में विकलांगता की परिभाषा कम से कम 40% होना अनिवार्य है. यानि 40 % विकलांगजन को नौकरी मिलती है .
उदाहरण 2 हाल ही में निकले उत्तराखंड राज्य UTET I & II 2023 के पेज 16 में विकलांगता की परिभाषा 40% या उससे अधिक निर्धारित की गई है.
उदहारण 3 1 जून २०२३ को निकले एकल अभिभावक को बाल्य देखभाल अवकाश शासनादेश में बिंदु 3 में उत्तराखंड शासन द्वारा विकलांग बच्चो कि विकलांगता 40 % या 40 % से अधिक रखी गयी.
अतः उपरोक्त तथ्यों के आधार पर साफ है कि विकलांगता की परिभाषा उत्तराखंड में हर जगह 40% एवं 40% से अधिक है यानी 40% विकलांगजन को सम्मिलित किया जाता रहा है. बावजूद इसके केवल ट्रान्सफर एक्ट में विकलांगता में 40 % कि त्रुटि हो गयी और बेचारे 40% श्रेणी वाले विकलांग शिक्षको को दुर्गम में भेज दिया है .
क्या शासन के सज्ञान में मामला था ?
वर्ष 2017 के ट्रान्सफर एक्ट में इतनी बड़ी त्रुटि शासन के संज्ञान में थी या नहीं अब ये समझना भी खासा गौर करने वाला है . इस एक्ट के आते ही अनेक संगठनों ने जैसे राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ , राज्य जूनियर शिक्षक संघ , एजुकेशनल मिनिस्ट्रियल ऑफिसर्स एसोसिएशन आदि ने इस पर आवाज उठाई और तब निदेशक प्राथमिक शिक्षा ननुनखेरा ने सचिव विद्यालयी शिक्षा को 17 जुलाई 2020 को पत्र लिखा जिसमे पहला बिंदु ही विकलागता कि इस त्रुटि पूर्ण परिभाषा को सही करके उसमे 40 % भी सम्मिलित करने का अनुरोध किया गया था . यानि यह मामला 2020 से लिखित रूप से शासन के सज्ञान में था. मगर अफ़सोस कि कोई निर्णय नहीं लिया गया और आज तक विकलांग शिक्षक इसका खामियाजा भुगत रहे है .
क्या हो सकता है अब
1 कार्मिक विभाग द्वारा इस त्रुटि को तुरंत संशोधित करके इसमें 40 % शब्द को भी शामिल करे .
2 जिन 40% श्रेणी वाले विकलांग शिक्षकों का ट्रान्सफर इस त्रुटि के कारण दुर्गम में हुआ है, उनके ट्रान्सफर तत्काल रद्द किये जाएं ।
क्या कहते है सचिव शिक्षा बंशीधर तिवारी –
इस संबंध में कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं। उनका परीक्षण किया जा रहा है।
किसी भी प्रकार की त्रुटि को तत्काल ठीक कराया जाएगा।