अनुज नेगी
लैंसडाउन। पहाड़ों में दिन प्रतिदिन हरे भरे पेड़ों को काटकर पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मगर जिम्मेदार वन विभाग और प्रशासन के अधिकारियों को करा भी इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है।
मामला लैंसडाउन तहसील के ग्राम गोयू का है जहा पर एक व्यक्ति ने अपने घर और होमस्टे के लिए रास्ते के लिए कई हरे भरे चीड़ के पेड़ों को सुखाकर उनकर सफाया कर दिया मगर वन विभाग को जरा भी इसकी भनक तक नही लगी ।
आपको बतादें उक्त व्यक्ति और गांव के कुछ व्यक्तियों ने वर्ष 2021 में उपजिलाधिकारी लैंसडाउन को एक पत्र लिखा था, जिसमें उक्त व्यक्ति और गांव के कुछ लोगो द्वारा पत्र में लिखा गया था कि हमारे होमस्टे के लिए सरकारी भूमि से मार्ग के चौड़ीकरण की अनुमति दी जाए!
जिसमें तात्कालीन पटवारी द्वारा साफ साफ आख्या दी गई थी उक्त भूमि सरकारी है जिसमे हरे भरे पेडों की संख्या अधिक है और उक्त सरकारी जमीन में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है,और इस रास्ते का चौड़ीकरण नही हो सकता।
वही अब उक्त भूमि पर अब गांव के एक व्यक्ति हरे भरे पेड़ों को सूखा कर इन पेड़ों का सफाया किया जा रहा है,जिससे अब उक्त भूमि पर भूस्खलन का खतरा बना हुआ है।
वही अब एक ग्रामीण ने हरे पेड़ों को सुखाने और काटने की शिकायत मुख्य्मंत्री हेल्पलाइन में की, जिसमे वन विभाग द्वारा मौके पर पहुंच कर उक्त भूमि को राजस्व की भूमि बता कर अपना पल्ला झाड़ कर चलते बना,वही ग्रामीण वन विभाग की इस कार्यशेली को देखते हुए काफ़ी नाराज हुआ , ग्रामीण ने इसकी लिखित शिकायत उपजिलाधिकारी लैंसडाउन को दी, ग्रामीण का कहना था कि उक्त व्यक्ति द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा किया गया।और हरे भरे पेडों को सुखा कर उनका सफाया किया जा रहा हैं।